धनबाद.
नगर निगम की ओर से लोगों को शुद्ध व शीतल जल उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 2017 में शहर भर में 10 जगहों पर आरओ वाटर एटीएम की स्थापना की गई थी. इनमें रणधीर वर्मा चौक, हीरापुर, श्रमिक चौक, स्टेशन रोड, बरटांड़ आदि शामिल हैं. मगर अब उनका हाल ठीक नहीं है. जिम्मेदार लोगों द्वारा इनकी देखभाल नहीं किये जाने से सभी आरओ वॉटर बूथ या वॉटर एटीएम दुर्व्यवस्था के शिकार हो गये हैं. अब यहां शुद्ध व शीतल जल तो दूर सादा जल भी नहीं मिलता. अधिकतर जगहों के वाटर एटीएम खराब हो चुके है. हीरापुर वाटर एटीएम में लस्सी की दुकान खुल गयी है, जबकि बरटांड़ में वाटर एटीएम में बोतल बंद पानी, बिस्कुट, नमकीन आदि बेचे जा रहे हैं. जिसपर नगर निगम का ध्यान नहीं है. नगर निगम को चाहिए कि इन वॉटर एटीएम या आरओ वॉटर बूथों की स्थिति सुधारें ताकि गर्मी में लोगों को राहत मिल सके.हीरापुर में वाटर एटीएम में चल रही लस्सी की दुकान
हीरापुर स्थित वाटर एटीएम को पिछली बार नगर निगम ने सील कर दिया था. मगर आज भी यहां अतिक्रमण कर वाटर एटीएम की जगह लस्सी की दुकान चल रही है. श्रमिक चौक स्थित वाटर एटीएम भी कई दिनों से खराब पड़ी है. वहां बिस्किट, केक, चिप्स आदि की दुकानें खुल गई हैं.
नगर निगम के बाहर का वाटर एटीएम भी बंद है
नगर निगम कार्यालय मुख्य द्वार के पास लगे वाटर एटीएम में पानी पीने के लिए लोग आ तो रहे हैं पर जैसे ही पैसा डालते हैं उससे पानी नहीं निकलता. ना पैसा ही वापस मिलता है. यहां आसपास स्कूल, कॉलेज और प्रमुख कार्यालय होने के कारण हमेशा भीड़ लगी रहती है. यहां से पानी नहीं मिलने पर लोगों को महंगे दाम पर बोतल बंद पानी खरीदना पड़ता है. यहां वाटर एटीएम एक साल से खराब है.
बरटांड़ वाटर एटीएम में बिकता है बोतलबंद पानी
बरटांड़ बस स्टैंड में निगम द्वारा वाटर एटीएम खोला गया था. कई महीनों से यह वाटर एटीएम खराब है. इसकी मरम्मत नहीं होने से दुकानदार को बोतल बंद पानी बेचना पड़ता है. यहां आने वाले यात्रियों को वाटर एटीएम खराब होने की वजह से पांच की जगह 20 रुपये देकर बोतलबंद पानी खरीदना पड़ता है.खर्च निकालने के लिए बेचते हैं दूसरे सामान
वाटर एटीएम चला रहे दुकानदारों ने बताया कि सिर्फ पानी बेचकर खर्च नहीं निकल पता है. ऐसे में विवश होकर खाने-पीने का सामान भी बेचना पड़ता है. यह गलत है, मगर घर चलाने के लिए विवश होकर ऐसा करना पड़ता है.माह में दो बार करनी है पानी की जांच
शहर भर में 10 जगहों पर निगम द्वारा लगाये गये वाटर एटीएम के पानी की जांच माह में दो बार करनी है. इसका डिस्प्ले वाटर एटीएम के ऊपर करना है. मगर डिस्प्ले तो दूर एटीएम सही है या नहीं इसकी जांच भी नहीं हो रही है. अधिकतर एटीएम खराब हो चुके हैं. जो ठीक हैं उनमें से भी लोगों को बिना जांच का पानी मिल रहा है.हर माह 500 किराया लेता है निगम
शहर भर में लगाये गये वाटर एटीएम को नगर निगम द्वारा एक एजेंसी रुचिका को चलाने दिया गया है. निगम द्वारा सभी एटीएम से हर माह 500 रुपये किराया लिया जाता है. वाटर एटीएम में वाटर हार्वेस्टिंग की भी व्यवस्था होनी चाहिए. मगर अधिकतर जगहों के इसकी इसकी कोई व्यवस्था नहीं है. एटीएम से पानी बाहर सड़क पर गिरता रहता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है