शकमिजाजी पति की करतूत. गला घोंट कर जान ली, फिर अकेले शव को ले जाकर गाड़ा
Dhanbad News : राजगंज थाना क्षेत्र के कानाटांड़ गांव में शनिवार सुबह मनबोध पंडित उर्फ मनबोध कुम्हार ने अपनी पत्नी लक्ष्मी देवी (27) की हत्या गला घोंटकर कर दी. फिर घर के पीछे आधा किमी दूर स्थित खेत के आगे झाड़ियों में गड्ढा में अकेले शव को ले जाकर दफना दिया. सूचना पाकर उसके मायके वाले कानाटांड़ पहुंचे और हंगामा किया. मायके वालों ने उसके साथ मारपीट की, तो उसने कबूल किया कि उसी ने गला घोंटकर कर उसकी हत्या कर शव को ठिकाने लगाया है. उसने बताया कि उसे शक था कि लक्ष्मी देवी का प्रेम प्रसंग अन्य के साथ था. उसी कारण उसने घटना को अंजाम दिया. सूचना पर पहुंची राजगंज थानेदार अलिशा कुमारी पहुंची और पति को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस के समक्ष भी उसने अपराध कबूल किया.चंद्रपुरा की बेटी थी लक्ष्मी, बड़ी बहन है गोतनी
मृतका चंद्रपुरा प्रखंड की नर्रा पंचायत के स्व उत्तम पंडित व स्व उषा देवी की बेटी थी. वह पांच बहनों में दूसरे नंबर पर थी. आठ वर्ष पूर्व बिनोद कुम्हार के पुत्र मनबोध से उसकी शादी हुई थी. मृतका को एक पुत्र नरेश व पुत्री रिया है. मृतका की बड़ी बहन उसकी गोतनी है. घर में बराबर किचकिच के कारण वह अपने पति विकास (मनबोध के बड़े भाई) के साथ बेंगलुरु में रहती है.शुक्रवार को मायके से लौटी थी लक्ष्मी
घटना के संबंध में मृतका के पुत्र नरेश व पुत्री रिया ने पुलिस को बताया कि बाबा ने उसकी मां को गला दबा कर मार दिया. यह बात उसकी मौसी से उनलोगों को पता चला. बच्चों ने यह भी बताया कि उसके बाबा दो दिन पहले काम से लौटे थे. घर आते ही मम्मी के साथ मारपीट की थी. मृतका की बहन नेहा ने बताया कि एक मई को उसकी बहन अचानक नर्रा पहुंची. उसके चेहरे व शरीर पर चोट के निशान थे. पूछने पर बताया था कि जीजाजी ने उसे पिटाई की है. दो मई को वह ससुराल लौटी. तीन मई को करीब नौ बजे मोबाइल पर बहन से बातचीत हुई. दोपहर में पहले गांव वालों से घटना की सूचना मिली. जीजा ने फोन पर झूठ बताया कि तुम्हारी बहन से लड़ाई हुई है, तो उसने फांसी लगा ली है. कहा कि दीदी को जीजा ने मार डाला है.शव निकालने के लिए होगी मजिस्ट्रेट की नियुक्ति : थाना प्रभारी
थाना प्रभारी अलिशा कुमारी ने बताया कि पति शकमिजाजी है. उस पर प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है. दफनाये गये शव को निकालने के लिए मजिस्ट्रेट नियुक्ति का इंतजार है. आरोपी ने प्रारंभिक पूछताछ में घटना को अंजाम देने की बात स्वीकार की है.आखिर कौन करेगा बच्चों की परवरिश
सूचना पाकर मौके पर बागदाहा मुखिया बाबूलाल महतो, पंसस धनंजय प्रसाद महतो, नर्रा चन्द्रपुरा के मुखिया निरंजन महतो, सामाजिक कार्यकर्ता चंदन अग्रवाल व ग्रामीणों की भीड़ थी. सभी कह रहे थे कि दोनों बच्चों का क्या होगा. दादा घटना के बाद से फरार है, पिता जेल चला गया, मां मर ही गयी. ननिहाल में नाना-नानी भी नहीं है. सिर्फ कुंवारी मौसियां हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है