धनबाद.
कोल इंडिया में मेडिकल अनफिट यानी 9.4.0 के आधार पर कोलकर्मियों के आश्रितों को नौकरी देने का रास्ता अब बंद हो गया है. कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्यसभा में बताया कि एनसीडब्ल्यूए के खंड 9.4.0 को पुनः लागू करना संभव नहीं है, जो स्थायी रूप से विकलांग कर्मचारी के आश्रितों को रोजगार प्रदान करने से संबंधित है. हालांकि, उन्होंने बताया है कि कोल इंडिया व एससीसीएल के लिए 10वें वेतन समझौते के तहत निर्दिष्ट बीमारियों से पीड़ित कर्मचारियों को उनके वेतन की 50% राशि तब तक दी जाती रहेगी, जब तक कि उन्हें चिकित्सकीय रूप से फिट घोषित नहीं कर दिया जाता है. कोयला मंत्री श्री रेड्डी ने आश्वस्त किया है कि कोयला और खनन क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों का कल्याण उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है. कोल इंडिया की शीर्ष संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक में विचार-विमर्श व सहमति के बाद ही मेडिकल अनफिट (9.4.0) के आधार पर नियोजन बंद कर दिया गया है. यह निर्णय 27 जून 2024 को लिया गया था, जिसमें कोल इंडिया व सहायक कंपनियों के प्रबंधन तथा कोयला उद्योग में कार्यरत केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधि शामिल थे. बता दें कि राज्यसभा में शून्य काल के दौरान आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कोल इंडिया में मेडिकल अनफिट (9.4.0) से संबंधित मुद्दे पर सवाल किया था. ज्ञात हो कि एनसीडब्ल्यूए के 9.4.0 प्रावधान के तहत ही कोल इंडिया व अनुषंगी कंपनियों में अनफिट कर्मचारियों के आश्रितों को नियोजन देना है, लेकिन 18 नवंबर 2017 से मेडिकल अनफिट का लाभ नहीं दिया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है