Dhanbad News : बलियापुर के आसनबनी मौजा में सेल टासरा की अधिग्रहीत जमीन पर से अतिक्रमण में हटाने और जमीन चिह्नित करने गये अधिकारियों का कुछ रैयतों ने गुरुवार को विरोध किया. दोनों पक्षों में नोकझोंक हुई. सेल की ओर से जेसीबी लेकर गये चालक सपन प्रमाणिक को ग्रामीणों ने पिटाई कर दी, जिससे वह घायल हो गया. उसके बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया. हालांकि पुलिस प्रशासन की उपस्थिति में सेल ने गुरुवार को ढाई एकड़ अपनी अधिग्रहीत जमीन को चिह्नित किया. ग्रामीण यहां खेतिहर जमीन नहीं देना चाहते थे, जबकि सेल अधिकारियों का कहना था कि अधिकतर रैयतों ने जमीन दे दी है. समाचार लिखे जाने तक वहां पुलिस बल तैनात है. स्थिति नियंत्रण में, किंतु तनावपूर्ण है. किसी ओर से कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है.
सेल टासरा के विस्थापितों को शिफ्ट किये जाने की है योजना
सेल टासरा के विस्थापितों को बसाने के लिए आसनबनी, कालीपुर व सरिसाकुंडी मौजा के रैयतों से 42 एकड़ भूमि पर टाउनशिप बनानी है. इसके एवज में 80 प्रतिशत रैयत मुआवजा भी ले चुके हैं. कुछ रैयत जमीन देने के पक्ष में नहीं हैं, वही लोग विरोध कर रहे हैं. इधर, गुरुवार को भू-अर्जन पदाधिकारी रामनारायण खलको, बलियापुर सीओ प्रवीण कुमार सिंह, थाना प्रभारी आशीष भारती, प्रभारी बीपीआरओ मो आलम दलबल के साथ आसनबनी गांव पहुंचे. उसे देख कुछ रैयत हरवे हथियार के साथ पहुंचे और पुलिस प्रशासन का विरोध करने लगे, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया. सेल की जेसीबी से जमीन समतलीकरण किया जाने लगा तो, चालक के साथ ग्रामीणों ने मारपीट की. उससे उसके सिर पर चोट लगी. सेलकर्मियों ने उसे बलियापुर सीएचसी लाया. गंभीर स्थिति को देखते हुए एसएनएमएमसीएच रेफर कर दिया. इधर, पुलिस एवं प्रशासनिक पदाधिकारियों के साथ ग्रामीणों की कई दौर की नोकझोंक हुई. ग्रामीण यहां काम नहीं होने देने पर अड़े रहे. हालांकि पुलिस के सामने रैयतों को पीछे हटना पड़ा.रोड किनारे के मकान को तोड़ने पर अधिकारियों से हुई नोकझोंक
उसी दौरान रोड किनारे की जमीन पर बने एक मकान को तोड़ने के आदेश दिये जाने पर ग्रामीणों की नोक-झोंक हो गयी. देर शाम बलियापुर सीओ व थाना प्रभारी की उपस्थिति में सेल ने अधिग्रहीत भूमि की मापी की. लगभग ढाई एकड़ जमीन को चिह्नित किया. पूर्व में भी 15 एकड़ जमीन चिह्नित की जा चुकी है. इस तरह अब तक साढ़े 17 एकड़ भूमि पर सेल ने कब्जा कर लिया है. घर को फिलहाल नहीं तोड़फोड़ की. क्या कहते हैं अंचलाधिकारीइस संबंध में बलियापुर अंचलाधिकारी प्रवीण कुमार सिंह ने कहा कि भूमि सेल को देने के एवज में अधिकतर रैयतों ने मुआवजे का भुगतान ले लिया है. लोग अनावश्यक रूप से विवाद कर रहे हैं. सेल ने मापी का कार्य किया.मुआवजा को लेकर रैयतों में है विवाद : सेलसेल टासरा के महाप्रबंधक एसके कुरूल व उपमहाप्रबंधक पंकज मंडल ने कहा कि आसनबनी, कालीपुर व सरिसाकुंडी में करीब 42 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गयी है, जिनमें 85% किसानों को मुआवजा भी दिया जा चुका है. आसनबनी मौजा में विस्थापित कॉलोनी बनाने का प्रोजेक्ट है. जमीन अधिग्रहण किये जाने से लोगों को रोजगार तो मिलेगा ही, अस्पताल, सड़क आदि की सुविधा दी जायेगी. शेष भूमि पर कब्जा लेने के लिए जिला प्रशासन आगे की तिथि तय करेगा. कुछ रैयत अपनी भूमि के कागजात के साथ उपस्थित होकर अधिकारियों से अनुरोध कर रहे थे कि उनकी भूमि पर दखल कर मुआवजा दे दिया जाये, जिसका अन्य रैयत अपना कब्जा बताकर मुआवजा भुगतान नहीं करने का दबाव दे रहे थे. विवाद का कारण वही है.
खेतिहर जमीन देंगे, तो हमारे वंशज क्या खायेंगे : ग्रामीणआंदोलन का नेतृत्व कर रहे अमृत महतो व सुनील मांझी ने कहा कि खेतिहर जमीन यदि सेल ले लेगी, तो हमारे वंशज क्या खायेंगे. खेतिहर जमीन से हम फसल उगाते हैं, जिससे परिवार का भरण-पोषण होता है. हम किसी भी कीमत पर खेतिहर जमीन नहीं देंगे. हमने इसीलिए विरोध किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है