धनबाद.
बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय समेत देश के सभी विश्वविद्यालयों में 2026 से स्नातकोत्तर स्तर पर नयी शिक्षा नीति को लागू कर दिया जायेगा. इसके साथ ही वर्ष 2026 से स्नातकोत्तर (पीजी) पाठ्यक्रम एक वर्ष का हो जायेगा. नई व्यवस्था के अनुसार, चार वर्षीय स्नातक (यूजी) पाठ्यक्रम पूरा करने वाले छात्रों को ही एक वर्षीय पीजी की सुविधा मिलेगी. एनइपी के तहत यूजी के पहले वर्ष के बाद बाहर निकलने वाले छात्रों को एक प्रमाण पत्र प्राप्त होता है, दूसरे वर्ष के बाद छोड़ने वालों को डिप्लोमा से सम्मानित किया जाता है और तीन साल पूरा करने वालों को एक डिग्री प्राप्त होती है. चौथा वर्ष पूरा करने वाले छात्र सम्मान के साथ डिग्री अर्जित करते हैं. तीन साल के बाद, छात्र दो साल के पीजी पाठ्यक्रम का विकल्प चुन सकते हैं, जबकि चार साल पूरा करने वाले एक साल के पीजी कार्यक्रम में दाखिला ले सकते हैं.एक वर्ष व दो वर्ष के लिए होगा अलग-अलग लेवल
एक साल और दो साल के पीजी कार्यक्रमों के लिए अलग-अलग पाठ्यक्रम होगा. एक साल के पीजी कार्यक्रम के तहत, छात्र प्रति सेमेस्टर 22 क्रेडिट अर्जित करेंगे. डिग्री के लिए कुल 44 क्रेडिट होंगे. दो साल के पाठ्यक्रम के लिए, छात्र 88 क्रेडिट अर्जित करेंगे. यूजीसी के मानकों के मुताबिक दो साल की डिग्री का लेवल 6.5 होगा, जबकि एक साल की डिग्री का लेवल सात होगा.अनुसंधान, नवाचार और प्रैक्टिकल ज्ञान को विशेष महत्व
नयी पीजी व्यवस्था में अनुसंधान (रिसर्च), नवाचार और प्रैक्टिकल ज्ञान को विशेष महत्व दिया जायेगा. पाठ्यक्रम इस प्रकार डिज़ाइन किया जाएगा कि छात्र एक वर्ष में ही गहन ज्ञान और आवश्यक व्यावसायिक कौशल प्राप्त कर सकें. इससे न केवल रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे, बल्कि छात्र उच्चतर शोध व प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के लिए भी जल्दी तैयार हो सकेंगे. इस वर्ष के अंत तक पीजी शिक्षकों को नई प्रणाली के अनुसार प्रशिक्षण दिया जाएगा और पाठ्यक्रमों को संशोधित किया जाएगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है