कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सह नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को नयी दिल्ली के इंदिरा भवन में झारखंड-बिहार समेत सात राज्यों के 250 जिलाध्यक्षों के साथ बैठक की. इसमें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल समेत सभी राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश प्रभारी व सह प्रभारी उपस्थित थे. मौके पर राहुल गांधी ने कहा कि जिलाध्यक्षों की नियुक्ति सांसद, विधायक व बड़े नातओं की पैरवी से नहीं, बल्कि उनके प्रदर्शन के आधार पर होगी. काम करने वाले व पार्टी के लिए समर्पित कार्यकर्ता को ही यह जिम्मेदारी दी जायेगी. क्योंकि संगठन को शहर से गांव-गांव तक पहुंचाने व मजबूत करने की जिम्मेदारी जिलाध्यक्षों की है. इसके लिए जिलाध्यक्षों का पावर बढ़ाया जायेगा. उन्हें काम करने की छूट दी जायेगी. साथ ही पार्टी कार्यालय व अन्य गतिविधियों के सफल संचालन के लिए जिलाध्यक्षों को आर्थिक मदद भी दी जायेगी.
चुनाव नहीं लड़ेंगे जिलाध्यक्ष :
श्री गांधी ने कहा कि वे जिलाध्यक्षों को इतनी ताकत देना चाहते है कि टिकट बंटवारे में भी वे हमारे साथ केंद्रीय चुनाव समिति (सीइसी) में बैठ सकें. इसके लिए उन्हें भी उस कसौटी पर खरा उतरना होगा. ग्रास रूट पर पार्टी व संगठन की मजबूती के लिए काम करना होगा. कांग्रेस पार्टी के निति व सिद्धांतों के प्रति लोगों को जागरूक करना होगा.उन्होंने यह भी सलाह दी कि पार्टी के बैठक व मीटिंग में माह में एक बार भी समय नहीं देने वाले नेताओं को टाटा-बाय-बाय करें. जिलाध्यक्षों की मजबूती करने से जुड़ा निर्णय 8-9 अप्रैल को अहमदाबाद में आयोजित एआइसीसी के राष्ट्रीय अधिवेशन में लिया जायेगा. बैठक में झारखंड के प्रदेश प्रभारी के राजू, प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, सह प्रभारी डॉ श्रीवेला प्रसाद, धनबाद से जिलाध्यक्ष संतोष सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष राशीद रजा अंसारी, बोकारो से उमेश गुप्ता, गिरिडीह से धरंजय सिंह आदि शामिल हुए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है