धनबाद.
धनबाद जिले में 38,507 वाहनों का रजिस्ट्रेशन इस वर्ष फेल हो जायेगा. इनमें 3745 व्यावसायिक व 34,762 निजी वाहन शामिल हैं. जून माह में पंजीकृत 3006 वाहनों का रजिस्ट्रेशन फेल होगा. वहीं जनवरी से मई तक 14,340 वाहनों का पंजीकरण फेल हो चुका है. साल के अंत तक और 24,167 वाहनों का पंजीकरण फेल होगा. सरकार की कबाड़ नीति के तहत 15 साल पुराने वाहनों को सड़क पर चलाने की इजाजत नहीं है. ऐसे वाहन सड़क पर चलते हैं तो उन्हें जब्त कर लिया जायेगा. इसका उद्देश्य प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों की संख्या कम करना है. हालांकि रजिस्ट्रेशन फेल हो चुके वाहनों का और पांच साल के लिए री-रजिस्ट्रेशन करा सकते है.डी-रजिस्टर नहीं कराने पर बढ़ता टैक्स और जुर्माना
पुराने वाहनों को निर्धारित समय के बाद भी डी-रजिस्टर नहीं कराने पर वाहन मालिकों को भारी टैक्स देना पड़ता है. झारखंड मोटर वाहन कर अधिनियम के अनुसार, जब तक वाहन डी-रजिस्टर या स्क्रैप नहीं होता, तब तक उस पर वार्षिक टैक्स व बीमा प्रीमियम लागू रहता है. कई वाहन मालिक जानकारी के अभाव में इन वाहनों को चलाते रहते हैं, जिससे उन पर टैक्स, पेनाल्टी व चालान का बोझ बढ़ता है.क्या है री-रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया
कोई भी वाहन यदि 15 साल पूरा करने के बाद भी चलाना है, तो उसका री-रजिस्ट्रेशन कराना होता है. इसके लिए वाहन को फिटनेस टेस्ट से गुजरना पड़ता है, जो परिवहन कार्यालय द्वारा प्रमाणित केंद्रों में होता है. फिटनेस टेस्ट में ब्रेकिंग सिस्टम, हेडलाइट, टायर, साइलेंसर, प्रदूषण स्तर आदि की जांच की जाती है. अगर वाहन तकनीकी रूप से सुरक्षित और सड़क पर चलने योग्य मिलता है, तो पांच साल के लिए रिन्युअल मिल जाता है. वहीं ग्रीन टैक्स भी देना होता है, जो वाहन की श्रेणी पर निर्भर करता है.बढ़ता प्रदूषण और सड़क सुरक्षा का संकट
15 साल से अधिक पुराने वाहन राज्य के लिए पर्यावरणीय व सुरक्षा चुनौती बन चुके हैं. इन वाहनों से निकलने वाला धुआं न सिर्फ प्रदूषण को बढ़ाता है बल्कि ऐसे वाहनों से दुर्घटनाओं का भी खतरा बढ़ जाता है.किस वाहनों का होगा पंजीकरण फेल
कार – 5582बाइक – 29,180सामान्य गुड्स वाहन – 18लाइट गुड्स वाहन – 1309लाइट पैसेंजर वाहन – 386हेवी गुड्स वाहन – 950थ्री विलर – 1047अन्य – 35
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