धनबाद.
सरकारी राशि का दुरुपयोग देखना है तो सदर अस्पताल आयें. कोर्ट रोड धनबाद स्थित सदर अस्पताल में डेंगू, चिकनगुनिया, जापानी इंसेफेलाइटिस, मंकी पॉक्स समेत विभिन्न गंभीर वायरल बीमारियों से संबंधित जांच के लिए डिस्ट्रिक्ट पब्लिक हेल्थ लेबोरेट्री (डीपीएचएल) की स्थापना की गयी है. लगभग छह माह से लैब बनकर तैयार है, लेकिन अबतक इसमें संबंधित सैंपलों की जांच शुरू नहीं की गयी है. वहीं दूसरी ओर अब स्वास्थ्य चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग ने सदर अस्पताल में ही इंटिग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लेबोरेट्री (आइपीएचएल) के निर्माण की स्वीकृति प्रदान कर दी है. इसके लिए स्वास्थ्य मुख्यालय ने एक करोड़ 57 लाख रुपये भी स्वीकृत कर दिये हैं. जबकि दोनों लैब में एक ही तरह की जांच होगी. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने अप्रैल से सदर अस्पताल में आइपीएचएल का निर्माण कार्य शुरू होने की संभावना जतायी है.दोनों लैब में होंगी समान तरह की जांच, फिर नये की जरूरत क्यों
जानकारों की माने तो डीपीएचएल व आइपीएचएल लगभग एक तरह काम करती है. दोनों ही लैब में लगभग एक ही तरह के वायरल बीमारियों की जांच की सुविधा मिलती है. मशीनें भी लगभग एक ही तरह के होते हैं. ऐसे में सवाल उठने लगा है कि जब एक लैब से सभी तरह के वायरल बीमारियों की जांच संभव हैं तो दूसरा लैब बनाने की जरूरत क्या है.
इस्तेमाल नहीं होने से धूल फांक रहीं डीपीएचएल में लगी मशीनें
डीपीएचएल लैब में अलग-अलग जांच के लिए स्वास्थ्य चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से मशीनें मुहैया करायी गयी हैं. सभी मशीनों को लगभग छह माह पूर्व ही इंस्टाॅल किया गया है. उनके संचालन के लिए टेक्नीशियन, माइक्रो बायोलॉजिस्ट, बायोकेमिस्ट के साथ पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर की नियुक्ति की गयी है. इसके बाद भी छह माह से एक भी सैंपल की जांच यहां नहीं हुई है. स्थिति यह है कि डीपीएचएल में रखी करोड़ों की मशीनें धूल फांक रही हैं.
दोनों लैब में इन बीमारियों से संबंधित सैंपलों की होगी जांच
सदर अस्पताल में चिकन पॉक्स, डेंगू के लिए एलाइजा, मलेरिया, जापानी इंसेफेलाइटिस, चिकुनगुनिया, टीबी के अलावा माइक्रोबायोलॉजी से संबंधित सारी जांच होगी. इनमें वायरोलॉजी, बैक्टीरियोलॉजी, प्रोटिस्टोलॉजी, माइक्रोलॉजी, इम्यूनोलॉजी और पैरासिटोलॉजी की जांच शामिल हैं. बीएसएल टू मानक की लैब में स्क्रब टाइफस, मलेरिया, एक्यूट इंसेफेलाटिस सिंड्रोम, डायरिया समेत संचारी रोगों से जुड़ी जरूरी जांच तथा कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह, गुर्दा, मोतियाबिंद, अल्जाइमर आदि बीमारियों की जांच हो सकेगी.
इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ चंद्रभानु प्रतापन ने बताया कि डीपीएचएल में जल्द सैंपलों की जांच शुरू की जायेगी. सारी तैयारी पूरी कर ली गयी है. आइपीएचएल की स्थापना की मंजूरी स्वास्थ्य मुख्यालय द्वारा दी गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है