Dhanbad news: धर्म,अर्थ, काम, मोक्ष चारों पुरुषार्थ की प्राप्ति श्रीमद्भागवत कथा से होती है. श्रीमद्भागवत कथा जीवन के पूर्ण विकास का मार्ग है, जो धर्म की स्थापना, अर्थ की शुद्धि, संयमित काम की पूर्ति और अंततः मोक्ष की ओर अग्रसर करती है. ये बातें लोयाबाद मोड़ पर स्थित श्री श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के मौके पर आयोजित भागवत कथा के दूसरे दिन प्रवचन करते हुए श्रीधाम अयोध्या से आये प्रवचनकर्ता पूज्य स्वामी प्रद्युम्न प्रियाचार्य प्रभाकर जी महाराज ने कही. स्वामी जी ने कहा कि बिना भक्ति के मनुष्य प्रभु सत्ता को नहीं समझ सकता और भक्ति के माध्यम से शांति संभव है. वाराणसी से आये यज्ञाचार्य श्री शंकर मार्तंड जी पूजा-अर्चना करा रहे हैं. यजमान मनोज वर्णवाल और उनकी पत्नी निर्मला देवी हैं. प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में रोजाना भंडारा का आयोजन किया गया.
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