कोर्ट रोड स्थित सदर अस्पताल में शुक्रवार को रोगी कल्याण समिति की पहली बैठक समिति व जिला परिषद की अध्यक्ष शारदा सिंह की अध्यक्षता में हुई. इसमें स्थानीय विधायक समेत कुल 18 सदस्य शामिल हुए. अस्पताल की सुदृढ़ व्यवस्था व आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आयोजित इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये. उपायुक्त के पूर्व दिशा-निर्देशों के अनुसार अस्पताल को रोजाना 1000 ओपीडी और 100 ऑपरेशन का लक्ष्य हासिल करना है. यहां आने वाले मरीजों को बेहतर इलाज के लिए अस्पताल के मुख्य द्वार को फिर से खोला जायेगा. द्वार पूर्व में पार्किंग के कारण बंद कर दी गयी थी. गेट खुलने से आपातकालीन और सामान्य मरीजों के प्रवेश में आसानी होगी. बिजली विभाग को निर्देश दिया गया कि अस्पताल परिसर में तीन फेज का बिजली कनेक्शन सुनिश्चित किया जाये, ताकि एसएनएमएमसीएच में चल रहे सदर अस्पताल के एसएनसीयू को यहां शिफ्ट किया जा सके. इससे यहीं पर नवजात शिशुओं को बेहतर देखरेख मिल सकेगी. बैठक में भवन निर्माण विभाग को अधूरे कार्य शीघ्र पूर्ण करने का निर्देश दिया गया. फिजिशियन की अनुपस्थिति पर बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई. गर्भवती महिलाओं को अस्पताल लेकर आने वाली सहिया बहनों को भी पांच से 10 दिन के भीतर सहयोग राशि देने पर चर्चा की गयी.
अब प्रखंडों में सेवा देंगे अतिरिक्त चिकित्सक :
बैठक में निर्णय लिया गया कि यदि अस्पताल में डॉक्टरों की संख्या आवश्यकता से अधिक है, तो उन्हें प्रखंड स्तर पर सेवाएं देने के लिए भेजा जायेगा. गायनी विभाग में वर्तमान में आठ डॉक्टर हैं. इनमें चार पहले से कार्यरत हैं और चार को तीन साल के अनुबंध पर नियुक्त किया गया है. अब ओपीडी के लिए तीन डॉक्टर सदर में रहेंगे और शेष डॉक्टर प्रखंड में सेवा देंगे. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत होगी.उपाधीक्षक पद को लेकर उठा सवाल :
जिप अध्यक्ष शारदा सिंह ने अस्पताल में उपाधीक्षक के पद को लेकर सवाल उठाये. उन्होंने कहा कि जब उपाधीक्षक का पद स्वीकृत ही नहीं है, तो फिर नोडल पद के स्थान पर डॉ संजीव को कैसे उपाधीक्षक नियुक्त किया गया.प्रभात खबर में छपी रिपोर्ट पर भी हुई गंभीर चर्चा
: प्रभात खबर में छपी खबर ””””सर्वाइकल कैंसर की 20 लाख की स्क्रीनिंग किट गायब”””” पर भी बैठक में गंभीर चर्चा हुई. जिप अध्यक्ष ने पूछा कि दवाएं कैसे गायब हो सकती हैं. एडीएम ने इस पर सिविल सर्जन को जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने और मामले को जल्द सुलझाने की सलाह दी.बैठक में ये थे मौजूद :
एडीएम पीयूष सिन्हा, सदस्य सचिव सिविल सर्जन डॉ चंद्रभानु प्रतापन, सांसद प्रतिनिधि, जिले के सभी विधायक प्रतिनिधि, उप विकास आयुक्त, जिला आयुष पदाधिकरी, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक, विद्युत् कार्यपालक अभियंता, भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता आदि.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है