Dhanbad news: पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड में सरकार नाम की चीज नहीं. यहां के सिंडिकेट सरकार चला रहे हैं. चाहे शराब सिंडिकेट हो या कोयला या फिर ट्रक सिंडिकेट हो. राज्य की राजधानी रांची में ऐसा कोई दिन नहीं है, जिस दिन जमीन को लेकर हत्या न हो. इसलिए यहां सरकार नहीं, बल्कि सिंडिकेट ही सरकार है. उन्होंने ये बातें गुरुवार को धनबाद के कोयला नगर स्थित बीसीसीएल गेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में कही. इससे पहले यहां पहुंचने पर भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ धनबाद विधायक राज सिन्हा, जिप अध्यक्ष शारदा सिंह, जिला महामंत्री मानस प्रसून व मुकेश पांडे ने उनका स्वागत किया.
चुनाव के समय वादों के सब्जबाग :
पूर्व मुख्यमंत्री श्री दास ने कहा कि झामुमो हो या कांग्रेस, दोनों ही पार्टियों ने सरकार बनने के समय राज्य की जनता से तरह-तरह के वादे किये. अगर सरकार पार्ट वन को देखे तो 1932 के खतियान व मंईयां लाभुकों को 2000-2000 रु चुल्हा खर्चा देने के नाम पर. पार्ट वन सरकार बीत गयी, पर ना तो 1932 का खतियान लागू हुआ और ना ही मईया लोगों को चुल्हा खर्चा ही मिला. हेमंत सरकार पार्ट-टू ने भी चुनाव के समय मंईयां की बात कही. इस राज्य में एक करोड़ के करीब महिला वोटर है. चुनाव में किये वादे के मुताबिक मंईयां योजना के तहत 18 से 50 वर्ष की सभी महिलाओं को 2500 रुपये दिये जाने थे.सरकार लक्ष्य से कोसों दूर :
राज्य में 70 लाख के करीब इस उम्र वर्ग की महिलाएं है, लेकिन सरकार अभी भी अपने लक्ष्य से कोसों दूर है. वोट लेने के बाद 70 लाख की जगह महज 20-25 लाख महिला बहनों को ही इसका लाभ मिल रहा है. जबकि हर दिन कुछ ना कुछ शर्त लगा कर इसमें कटौती की जा रही है. यानी झारखंड की हेमंत सरकार राज्य की महिलाओं को भी छलने का काम किया. उन्होंने कहा कि राज्य की जनता ने जिस उम्मीद व आकांक्षाओं के साथ इस सरकार को बनाया था, उस पर यह पूरी तरह से विफल साबित हुई है. राज्य में कोई सुरक्षित नहीं है. खास कर महिलाओं के साथ आये दिन दुर्व्यवहार व गैंग रेप जैसी घटनाएं घट रही है. मौके पर बाघमारा विधायक शत्रुघ्न महतो व शेखर सिंह समेत बड़ी संख्या में भाजपा के कार्यकर्ता उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है