Dhanbad News: हीरापुर पार्क मार्केट स्थित बैंक ऑफ इंडिया के सीनियर मैनेजर विकास कुमार सिन्हा ने गुरुवार को आइआइटी आइएसएम के कनिष्ठ सहायक समेत तीन लोगों के खिलाफ बैंक से धोखाधड़ी कर लाखों रुपये का लोन लेने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया. तीनों पर फर्जी कागजात के जरिये 32.7 लाख रुपये लोन लेने का आरोप है. आइएसएम के कनिष्ठ सहायक मनीष रंजन पटेल, रौनित आर्यन और खुशबू परिमल आरोपी बनाये गये हैं. सीनियर मैनेजर ने पुलिस को बताया कि मुख्य अभियुक्त बिहार के नालंदा जिला के गोविंदपुर थाना क्षेत्र के वाराहोग गांव निवासी मनीष रंजन पटेल व उसके रिश्तेदार रौनित आर्यन और खुशबू परिमल हैं, जो बैंक में फर्जी डॉक्यूमेंट जमा करके लोन लिये हैं. जांच में पूरे मामले का खुलासा हुआ.
आइएसएम के फर्जी आई कार्ड और ऑफर लेटर का इस्तेमाल :
इस मामले में मनीष ने बैंक से लोन लेने के दौरान अपने पे-स्लिप में छेड़छाड़ कर उसमें वेतन को बढ़ा दिया और उसके साथ ही वह आइआइटी आइएसएम का फर्जी मेल आइडी बनाया, जिसमें जब बैंक द्वारा जानकारी मांगी जाती थी, तो वह उसी मेल के जरिये सभी को सही बताता था. इस दौरान बैंक से उसने पर्सनल लोन लिया. उसके बाद मनीष ने अपने भाई रौनित और खुशबू को भी लोन दिलाने के लिए आवेदन किया. इस दौरान दोनों का फर्जी आइआइटी आइएसएम का आई कार्ड बनाया और दोनों का ऑफर लेटर भी बैंक में पेश किया. इस दौरान तीनों ने मिल कर अलग-अलग तिथि पर 13.20 लाख, 4.50 लाख, 10 लाख व पांच लाख रुपये का लोन लिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है