धनबाद.
गर्मी बढ़ने लगी है. ऐसे में पशुओं की देखभाल अच्छे से करनी है. इसके लिए पशुपालन विभाग ने निर्देश जारी किये हैं. धूप में पशुओं को परेशानी होती है. ऐसे में उनका विशेष ध्यान रखने को कहा गया है. विभाग की ओर से कहा गया है कि प्रचंड गर्मी पड़ने वाली है. लोग पशु-पक्षियों पर विशेष ध्यान नहीं देते है. अगर गर्मी एवं चिलचिलाती धूप में पशु-पक्षियों को खुला छोड़ देने पर इसे पशु क्रूरता माना जाएगा. यह दंडनीय अपराध होगा.दिये गये निर्देश
पशुपालन विभाग ने निर्देश दिया है कि जनप्रतिनिधि, आम नागरिक एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा व्यापक रूप से जन-जागरूकता को लेकर सार्थक प्रयास करना है. जिला में पशु-पक्षियों को प्रचंड गर्मी से बचाव के लिए कदम उठाये जाने हैं. पशुपालक को पशुओं के लिए पर्याप्त एवं प्रचुर आश्रय प्रदान करना है. यह सुनिश्चित हो कि दिन में पशु-पक्षियों को छायादार क्षेत्र में रखा जाये एवं सीधी धूप से बचाया जाये. पेड़ों की छाया, पुआल या मिट्टी के घर का इस्तेमाल छायादार क्षेत्र के लिए किया जा सकता है. छाया के लिए पर्यावरण के अनुकूल वस्तुओं का प्रयोग किया जाये. तिरपाल, पॉलीथिन या टीन के छतों का उपयोग पशु शेड के लिए ना हो.पानी की पर्याप्त व्यवस्था हो
पशु-पक्षियों के पानी पीने के लिए बर्तन की व्यवस्था करना एवं 24 घंटे पानी उपलब्ध रखना है. यह लू लगने से बचाने का सबसे अच्छा उपाय है. पशु-पक्षियों के शेड में मिट्टी के बड़े बर्तन या वैसे बर्तन जिसमें पानी ठंडा रहे, का इस्तेमाल करें. 24 घंटे पशु-पक्षियों के लिए पानी उपलब्ध रखे. ध्यान रहे पशु-पक्षियों के पीने का पानी साफ हो, स्वच्छ हो. बर्तन के मुंह का आकार बड़ा हो, ऐसा होने से पशु-पक्षियों का मुंह उसमें फंसेगा नहीं. कभी भी पशु-पक्षियों में डीहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) नहीं होने दें.
लू के लक्षणों की करें निगरानी
लू के लक्षणों की निगरानी करें. पशु-पक्षियों में लू लगने से होने वाले लक्षण पशुओं का अधिक हांफना, सुस्ती, लार टपकना, हृदय गति का बढ़ना एवं मौत तक हो जाने की संभावना होती है. लक्षण दिखने पर उचित चिकित्सा करायें.पशु क्रूरता अधिनियम में कार्रवाई का है प्रावधान
वातावरण का तापमान 37 डिग्री से ज्यादा होने पर बैलगाड़ी आदि का परिचालन दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक करना दंडनीय है. तापमान 30 डिग्री से ज्यादा होने पर पशुओं को सीधी धूप में सूर्योदय से सूर्यास्त तक बाहर परिचालन नहीं करना है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है