धनबाद.
कोयला मंत्रालय ने स्वच्छ ऊर्जा विकल्पों को बढ़ावा देने की दिशा में अहम कदम उठाया है. मंत्रालय ने कोयला गैसीकरण वित्तीय प्रोत्साहन योजना की श्रेणी-टू के तहत चयनित आवेदकों के साथ कोयला गैसीकरण संयंत्र विकास और उत्पादन समझौते (सीजीपीडीपीए) पर हस्ताक्षर किये हैं. इस श्रेणी में निजी क्षेत्र की कंपनियों और सरकारी सार्वजनिक उपक्रमों दोनों के अंतर्गत आने वाली परियोजनाएं शामिल हैं. योजना का उद्देश्य कोयला गैसीकरण को बढ़ावा देना व राष्ट्रीय कोयला गैसीकरण मिशन को आगे बढ़ाना है. 24 जनवरी, 2024 को शुरू कोयला गैसीकरण के लिए वित्तीय प्रोत्साहन योजना का कुल परिव्यय 8,500 करोड़ है. योजना का लक्ष्य 2030 तक 100 मिलियन टन कोयला गैसीकरण हासिल करना है, जो सतत औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत के घरेलू कोयला भंडार का लाभ उठायेगा. हस्ताक्षर समारोह में कोयला मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव सनोज कुमार झा, ओएसडी (तकनीकी) आशीष कुमार व कोयला मंत्रालय के निदेशक (तकनीकी) बीके ठाकुर आदि थे.श्रेणी-टू के तहत चयनित आवेदक
श्रेणी-टू के तहत जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड, न्यू एरा क्लीनटेक सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड व ग्रेटा एनर्जी एंड मेटल प्राइवेट लिमिटेड जैसी प्रमुख निजी क्षेत्र का चयनित हुआ है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है