जिले के सरकारी विद्यालयों में प्रथम से सप्तम तक की परीक्षा सोमवार से शुरू तो हो गयी है, लेकिन व्यवस्था ने शिक्षकों के साथ-साथ विद्यार्थियों को परेशान कर रखा है. प्रभात खबर की टीम मंगलवार को स्कूलों में पहुंची तो अलग ही नजारा देखने को मिला. एसए वन की परीक्षा के बाद एसटू की परीक्षा में भी प्रश्न पत्र व कॉपी उपलब्ध नहीं करायी गयी है. गुरुजी एप पर प्रश्न उपलब्ध कराया गया. मजबूरी में शिक्षकों ने ब्लैकबोर्ड पर सवाल लिखे. इसके बाद छात्रों ने कॉपी में सवाल उतार कर परीक्षा दी. वहीं प्रश्न लिखना मुश्किल हो जाने पर शिक्षकों ने अपनी व्यवस्था के तहत प्रश्नों की फोटोकॉपी करा कर और उत्तर लिखने के लिए कॉपी बाजार से खरीद कर बच्चों को दी. एक ही बेंच पर तीन से चार बच्चों बैठा कर परीक्षा ली गयी. वह भी प्रश्न पत्र की एक ही फोटोकॉपी से देख कर उत्तर लिखना था. जुगाड़ तंत्र के सहारे जैसे-तैसे परीक्षा ली गयी. यह परीक्षा ना होकर मजाक बन कर रह गयी है.
क्या हुई दिक्कत :
कमोबेश यही व्यवस्था जिले के अधिकांश स्कूलों में रही. इससे शिक्षकों को काफी परेशानी हुई. क्योंकि, कई ऐसे स्कूल हैं, जहां वर्ग एक से आठ तक पढ़ाई होती है. जहां शिक्षकों की भी कमी है. ऐसे में एक ही शिक्षक को कई कक्षाओं में जाकर गुरुजी ऐप के से मिले सवाल को ब्लैकबोर्ड पर उतारना संभव नहीं हुआ तो उन्हें प्रश्नों की फॉटोकॉपी करा कर देनी पड़ी. वहीं बहुत से स्कूलों में ब्लैकबोर्ड पर प्रश्न लिखे गये, जिसे कॉपी में उतारने के बाद छात्रों ने परीक्षा दी.मध्य विद्यालय हीरापुर :
प्रभात खबर की टीम दोपहर 12.58 बजे मध्य विद्यालय हीरापुर पहुंची. यहां बच्चे मध्याह्न भोजन कर रहे थे, जबकि दोपहर 12.30 बजे से 2.30 बजे तक परीक्षा होनी तय है. दोपहर 1.10 बजे बच्चों को कक्षाओं में बैठाया गया. इसके बाद परीक्षा के लिए कॉपी की खोज शुरू हुई. शिक्षकों ने प्रश्नों का फोटोकॉपी करा कर तो रख लिया था. हर एक बेंच पर एक प्रश्न दिया गया था. इसमें तीन से चार बच्चे बैठे हुए थे. वहीं कॉपी कम पड़ गयी. इसके बाद शिक्षक बगल की दुकान में कॉपी लेकर पहुंचे तो परीक्षा शुरू हुई. कक्षा तीसरी से सातवीं तक की परीक्षा दूसरी पाली में ली जानी थी. शिक्षकों ने बताया कि इतने प्रश्नों को ब्लैकबोर्ड पर लिखना मुश्किल है. इसके बाद छात्र को काॅपी में उतारना है. फिर उत्तर लिखना है. ऐसे में प्रश्नों की फोटोकॉपी कर बच्चों को दी गयी है. 217 में 167 बच्चों की उपस्थिति रही है.एचइ स्कूल :
प्रभात खबर की टीम दोपहर 1.25 बजे भिश्तीपाड़ा स्थित एचइ स्कूल पहुंची तो यहां भी परीक्षा के नाम पर खानापूर्ति चल रही थी. कक्षा सातवीं के बच्चे परीक्षा दे रहे थे. दूसरे कमरे में चौथी कक्षा के कुछ बच्चे परीक्षा में बैठे हुए थे. कुछ बच्चे मध्याह्न भोजन कर रहे थे. सातवीं की परीक्षा में एक बेंच पर तीन से चार बच्चे बैठे हुए थे. टीम को देखते ही सभी अलग-अलग बेंचों पर बैठ गये, लेकिन बच्चों के पास फोटोकॉपी कर प्रश्न दिये गये थे. प्रश्न इतने छोटे थे कि देखने में दिक्कत हो रही थी. उत्तर लिखने के लिए बच्चों को झारखंड शिक्षा परियोजना वार्षिक मूल्यांकन 2016-17 की कॉपी दी गयी थी. इसी में बच्चे उत्तर लिख रहे थे. सातवीं कक्षा में 36 में 36 बच्चे उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है