Dhanbad News : इस्कॉन जगजीवन नगर की ओर से आयोजित तीन दिवसीय रथयात्रा कार्यक्रम के दूसरे दिन इस्कॉन के संस्थापक आचार्य जगद्गुरु श्रील प्रभुपाद के श्री विग्रह का स्थापना महोत्सव मनाया गया. संध्या में गोल्फ ग्राउंड में बने गुंडीचा मंदिर के मुख्य पंडाल में भक्तों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया. देवकीनंदन प्रभु ने श्री जगन्नाथ कथा का पाठ किया. इस्कॉन धनबाद के अध्यक्ष नामप्रेम दास ने मधुर कीर्तन किया, जिसमें भक्तों ने ताल मिलाये. सुबह में इस्कॉन के संस्थापक आचार्य जगद गुरु श्रील प्रभुपाद के श्री विग्रह का स्थापना महोत्सव की शुरुआत गुरु पूजा और गुरु भजनों से हुई. श्रील प्रभुपाद के उत्सव विग्रह का पंचामृत अभिषेक किया गया.
इस्कॉन के ट्रस्टी देवकीनंदन प्रभु ने श्रील प्रभुपाद की जीवनी पढ़ी तथा उनके भागवत व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि आज के पढ़े-लिखे युवा भक्ति और धर्म का पथ अपना रहे हैं. आज देश-विदेश में कृष्ण भक्ति का प्रचार हो रहा है. देवकीनंदन प्रभुजी ने परीक्षित महाराज और शुकदेव गोस्वामी की कथा बांची. उन्होंने बताया कि किस प्रकार समय के साथ कलियुग का प्रभाव बढ़ता जा रहा है, परीक्षित महाराज की लीला अनुसार कलियुग का वास मास भक्षण, नशा और गलत संग में आ चुका है. इसलिए मनुष्यों को इनसे दूर रहना चाहिए और कलियुग तारक हरिनाम का आश्रय लेना चाहिए.श्री जगन्नाथ जी का हुआ अलौकिक शृंगार :
दिन में 6 बार गुंडीचा मंदिर में श्री श्री जगन्नाथ प्रभु बलभद्र एवं सुभद्रा की आरती की जा रही है. छप्पन भोग लगाया गया, जिसे उपस्थित श्रद्धालुओं में बांटा गया. श्री जगन्नाथ जी का अलौकिक शृंगार किया गया. कार्यक्रम स्थल पर रखे जगन्नाथ प्रभु के दिव्य रथ की भक्तों ने परिक्रमा की. साथ ही यहां लगाये गये आनंद बाजार से भक्त धार्मिक ग्रंथ के अलावा अन्य सामग्री खरीद रहे हैं. 29 जून को कार्यक्रम का समापन होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है