Dhanbad News: झारखंड के बाहर के निवासी द्वारा यहां के मूल रैयतों की वंशावली में अपना नाम दर्ज करा कर गलत तरीके से जाति व आवासीय प्रमाण पत्र बनाने का मामला बाघमारा अंचल में प्रकाश में आया है. इस संबंध में मूल खतियानधारियों ने इसका आरोप फुलारीटांड़ निवासी मनोज कुमार के पुत्र अनीश आनंद व वहां की मुखिया पिंकी देवी पर लगाया है. अनीश पर गलत कागजात का इस्तेमाल करने और मुखिया पर सत्यापन में लापरवाही बरतने का आरोप है. मामले को बाघमारा सीओ बाल किशोर महतो ने गंभीरता से लिया है. मेजुरा बिराजपुर के मूल रैयत फनी महतो, योगेश महतो, रवि कुमार, राजू कुमार महतो व सुरेश महतो ने सीओ आवेदन देकर कहा है कि फुलारीटांड़ के अनीश आनंद झारखंड का मूल निवासी नहीं है. फिर भी अपना जाति व आवासीय प्रमाण पत्र बनाने के लिए स्थानीय मुखिया से मिलीभगत कर हमारे खतियान का दुरुपयोग कर गलत वंशावली बनायी है. उसके बाद अंचल कार्यालय में आवेदन दिया है. यह भी आरोप लगाया है कि अनीश पूर्व में भी गलत खतियान के सहारे फर्जी वंशावली बनाकर प्रमाण पत्र बना चुका है. आरोप है कि वर्ष 2023 में नावागढ़ के मूल निवासी माणिक महतो के खतियान का इस्तेमाल किया गया था. उसमें भी स्थानीय मुखिया ने वंशावली में सत्यापन कर दिया था. फर्जीवाड़ा में साथ देने वाले युवक के साथ अनबन होने के करण अनीश ने 15 मई 2025 को जाति, आवासीय प्रमाण पत्र बनाने के लिए फनी महतो के खतियान के सहारे फर्जी वंशावली में अपना नाम जोड़कर स्थानीय मुखिया से सत्यापन करवाया और ऑनलाइन आवेदन जमा किया. अंचल कार्यालय में जांच के क्रम में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. मामले को खरखरी ओपी में भी आवेदकों ने शिकायत दी है. पुलिस ने कहा कि विभाग द्वारा आवेदन पाये जाने पर फर्जीवाड़ा का केस किया जायेगा.
जांचोपरांत दर्ज करायी जायेगी प्राथमिकी : सीओ
बाघमारा अंचलाधिकारी बाल किशोर महतो ने कहा कि मामला संज्ञान में आने के बाद जाति व आवासीय प्रमाण पत्र निर्गत करने से रोक दी गयी है. मामले की जांच करायी जा रही है. सभी लोगों से एक बार पूछताछ भी की गयी है. जांचोपरांत दोषी पाये जाने वाले व्यक्ति या व्यक्तियों पर कानूनी कार्रवाई के लिए प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी.
मामला मेरे संज्ञान में नहीं है : मुखिया
फुलारीटांड़ पंचायत की मुखिया पिंकी देवी ने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं है. अगर इस तरह का काम मुझसे करवाया गया है, तो सरासर गलत है. मामले को लेकर सीओ के समक्ष अपना पक्ष रखूंगी.
क्या है नियम
झारखंड में जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए मूल निवासी होना अनिवार्य है. इसके लिए आवेदक को जमीन संबंधी मूल खतियान में वंशावली दर्शाया जाता है, उसके बाद ही राजस्व कर्मचारी उसे अंचला निरीक्षक को अग्रसारित करते हैं. तत्पश्चात अंचल अधिकारी से जाति प्रमाण पत्र निर्गत किया जाता है.
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