Train News: स्वर्णरेखा एक्सप्रेस से सफर करने वाले यात्रियों के लिए बड़ी खबर है. 25 मई से धनबाद और टाटा के बीच चलने वाली स्वर्णरेखा एक्सप्रेस अब पुराने और जर्जर डिब्बों की जगह आधुनिक एलएचबी (लिंक हॉफमैन बुश) रैक से दौड़ेगी. रेलवे ने बताया कि धनबाद कोचिंग डिपो में ट्रेन के लिए नया एलएचबी रैक तैयार कर लिया गया है. जानकारी के अनुसार, स्वर्णरेखा एक्सप्रेस के नई रैक में जनरल और सेकेंड सीटिंग के साथ एक एसी चेयर कार को भी जोड़ा जायेगा. इससे यात्रियों का सफर ज्यादा आरामदायक और सुरक्षित हो जायेगा.
187 किमी की दूरी में दो बार बदलता है इंजन
बता दें कि कई सालों से यात्री ट्रेन के पुराने डिब्बों को लेकर शिकायत कर रहे थे. उम्मीद जतायी जा रही है कि अब यात्रियों को कोई परेशानी नहीं होगी. हालांकि, स्वर्णरेखा एक्सप्रेस में अब भी एक परेशानी है. ट्रेन को धनबाद से टाटा तक की महज 187 किलोमीटर की दूरी तय करने में लगभग 6 घंटे 40 मिनट का समय लग जाता है. जबकि वापसी के वक्त यह समय बढ़कर 6 घंटे 55 मिनट हो जाता है. मालूम हो कि 187 किलोमीटर का सफर तय करने में ट्रेन का इंजन दो जगह-पाथरडीह और आद्रा में बदला जाता है.
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दो घंटे में तय करती है 24 किमी की दूरी
जानकारी हो कि धनबाद से पाथरडीह की दूरी केवल 24 किलोमीटर है, लेकिन स्वर्णरेखा एक्सप्रेस को यह दूरी तय करने में करीब दो घंटे का समय लगता है. ट्रेन रात को 8:35 बजे पाथरडीह पहुंचती है. इसके बाद इसे धनबाद स्टेशन पहुंचने में रात 10:25 बज जाते हैं. इस वजह से टाटा से लौटने वाली कई यात्री पाथरडीह में ही ट्रेन से उतर जाते हैं. फिर, सड़क मार्ग से धनबाद जाना उचित समझते हैं.
बोकारो होकर चलाने की मांग तेज
इधर, स्वर्णरेखा एक्सप्रेस के यात्री अब ट्रेन को धनबाद से बोकारो होते हुए चलाने की मांग कर रहे हैं. इस संबंध में उनका कहना है कि इससे बार-बार ट्रेन का इंजन बदलने की समस्या खत्म हो जायेगी. ऐसे में सफर का समय घटकर सिर्फ साढ़े चार घंटे रह जायेगा.
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