धनबाद.
धनसार स्थित चक्रवर्ती नर्सिंग होम में रविवार को गर्भ में ही शिशु की मौत को लेकर परिजनों ने हंगामा किया. परिजनों ने डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही बरतने, डेथ सर्टिफिकेट देने से इनकार करते हुए उनलोगों को जबरन अस्पताल से बाहर निकाल देने का आरोप लगाया. मनईटांड़ पानी टंकी के निवासी प्रकाश कुमार वर्मा ने बताया कि उनकी पत्नी सुनीता देवी का इलाज चक्रवर्ती नर्सिंग होम से ही चल रहा था. 29 अप्रैल को पेट में दर्द की शिकायत पर अस्पताल जांच के लिए ले गये. तब डॉक्टर ने सिर्फ दवा व इंजेक्शन देकर डिस्चार्ज कर दिया. कहा कि डिलीवरी की संभावित तिथि 10 मई है. दवा लेने के बाद से धीरे-धीरे महिला के गर्भ में बच्चे की हलचल कम हो गयी. शनिवार को जब बच्चे की हलचल पूरी तरह बंद हो गयी तब परिजनों ने डॉक्टर से बात की. डॉक्टर ने उन्हें अस्पताल आने की सलाह दी. रविवार को जब परिजन अस्पताल पहुंचे तब डॉक्टरों ने अल्ट्रासाउंड कराया. बताया कि गर्भ में ही शिशु की मौत गयी है. इसके बाद परिजन आक्रोशित हो गये और डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया.पहले जांच होती तो बच सकती थी बच्चे की जांच
परिजनों ने कहा कि अगर पहले ही जांच कर ली जाती तो बच्चे की जान बच सकती थी. परिजनों ने जब मृत बच्चे का डेथ सर्टिफिकेट व डिस्चार्ज रिपोर्ट मांगा, तो डॉक्टरों ने न सिर्फ इंकार कर दिया बल्कि परिजनों को अस्पताल से बाहर निकालने की कोशिश की. पुलिस की धमकी भी दी.
अस्पताल के संचालक डॉ डी चक्रवर्ती ने कहा कि पांच दिन पहले पेट दर्द की समस्या का लेकर मरीज काे अस्पताल लाया गया था. मरीज की जांच की गयी. उस समय बच्चे की धड़कन चल रही थी. तत्काल दवा देकर मरीज को यह बोल कर घर भेज दिया गया था कि मरीज को बेड रेस्ट पर रखें. मरीज घर में किस अवस्था में थी, इसकी जानकारी हमें नहीं है. घर में ही मरीज की ब्लीडिंग शुरू हो चुकी थी. हमने मरीज को एसएनएमएमसीएच जाने को भी कहा, मगर परिजनों ने यहीं इलाज करने को कहा. इससे पहले भी मरीज के तीन बच्चों का जन्म यहीं हुआ है. इलाज में लापरवाही का आरोप निराधार है.डॉ डी चक्रवर्ती, अस्पताल संचालक
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