कंपनी से बकाया मानदेय दिलाने में नाकाम रहा विभाग संवाददाता, दुमका बकाया मानदेय की मांग को लेकर 108 एंबुलेंस कर्मी शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं. सभी ने शुक्रवार को पुराने सदर अस्पताल परिसर में धरना दिया और सरकार व विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. 108 एंबुलेंस के कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने की वजह से स्वास्थ्य चिकित्सा चरमरा गयी है. सुदूर क्षेत्र से आनेवाले इमरजेंसी मरीजों की परेशानी बढ़ गई है. खासकर प्रसव पीड़ा से तड़पती महिलाओं की परेशानी और अधिक बढ़ गयी है. एक्सिडेंट की स्थिति में भी मरीज तक एंबुलेंस सेवा नहीं पहुंच पा रही है. 108 एंबुलेंस दूर-दराज क्षेत्र के ग्रामीणों के लिए बहुत ही लाभदायक है. रात में भी 108 नंबर की एंबुलेंस आसानी से उपलब्ध हो जाया करता था. कर्मियों के हड़ताल चले जाने से स्वास्थ्य चिकित्सा काफी प्रभावित होने लगी है. संघ के सदस्य अभिषेक कुमार ने बताया कि कई दिन से सिविल सर्जन से बकाया मानदेय दिलवाने की मांग की जा रही थी. विभाग से केवल आश्वासन ही मिल रहा है. मानदेय नहीं मिलने से एंबुलेंस कर्मियों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गयी है. उन्होंने कहा कि मजबूर होकर अनिश्चतकालीन हड़ताल पर जाना पड़ा है. बताया कि दुमका जिला में अभी 15 एंबुलेंस चल रही थी. करीब आधा दर्जन खराब हैं. इन गाड़ियों में करीब 85 कर्मी दिन रात काम करते हैं. अब सभी ने सेवा देना बंद कर दिया है. कहा कि लंबे समय से काम करने के बाद भी संबंधित कंपनी ने नियुक्ति-पत्र तक नहीं दिया है. मांग की कि पीएफ की कटौती लागू की जाये. कहा कि मानदेय के लिए कुछ माह पहले कंपनी के अधिकारियों से बात हुई थी. तय हुआ था कि सभी को कुशल श्रेणी में भुगतान किया जायेगा. लेकिन अभी तक उसका अनुपालन नहीं हुआ है. इतना ही नहीं चार माह से बकाया मानदेय नहीं दिया गया है. अब बकाया भुगतान के साथ वे हर माह मानदेय एक निश्चित तिथि पर देने की भी मांग कर रहे हैं. अभिषेक ने कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती है, तब तक एक भी कर्मचारी एंबुलेंस को हाथ तक नहीं लगायेंगे.
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