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Lead News : 25 साल के बाद नदियों में उफान, जामा का तातलोई गर्म जलकुंड डूबा

जामा में सोमवार को 100 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड किया गया, जिससे वर्ष 2000 की भयावह बाढ़ की यादें ताजा हो गयीं.

जामा. जामा प्रखंड में सावन माह की शुरुआत से ही हो रही लगातार भारी बारिश ने आमजनों के साथ-साथ किसानों के लिए भी गंभीर समस्याएं खड़ी कर दी हैं. सोमवार रात मूसलाधार बारिश के कारण मयूराक्षी नदी के साथ-साथ भुरभुरी, टेपरा सहित अन्य छोटी-बड़ी नदियां उफान पर हैं. बताया जा रहा है कि 25 वर्षों बाद इन नदियों में इतना अधिक जलस्तर देखा गया है. इस दौरान जामा में सर्वाधिक 100 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गयी, जिससे वर्ष 2000 की भयावह बाढ़ की यादें ताजा हो गयीं. भुरभुरी नदी पर पहले बना डायवर्जन तेज बहाव में बह गया, हालांकि वहां नया पुल चालू होने से यातायात बाधित नहीं हुआ. अत्यधिक वर्षा के कारण खेतों में जलजमाव की स्थिति बनी हुई है, जिससे धान की रोपाई में रुकावट आ रही है. कद्दू, करेला, झींगा, भिंडी, बोड़ा और मकई जैसी सब्जियों की खेती भी बुरी तरह प्रभावित हुई है. कई किसान मकई की बुवाई नहीं कर सके, और जिन्होंने की थी, उन्हें कटाई का अवसर नहीं मिल पाया. इस कारण मक्का की खेती से किसानों को कोई लाभ नहीं मिल पाएगा, क्योंकि इसका सही समय बीत चुका है. लगातार बारिश से हाट-बाजारों में इन हरी सब्जियों की कीमतें दोगुनी हो गयी हैं. वहीं, भुरभुरी नदी के उफान के चलते प्रसिद्ध गर्म जलकुंड तातलोई भी जलमग्न हो गया है.

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