श्रावणी मेला के 20वें दिन 1.33 लाख श्रद्धालुओं ने अरघा में जलार्पण किया. शिवलिंग को पुष्प, बेल पत्र, आंक, धतूरे से सजाकर महाआरती की गयी. बासुकिनाथ. बाबा फौजदारीनाथ मंदिर में श्रावणी मेला महोत्सव 2025 के 20वें दिन बुधवार को भक्ति का अद्भुत उत्सव देखने को मिला. सुबह 2:30 बजे मंदिर के कपाट खुलते ही शिवलिंग का जल, दूध से अभिषेक कर पुष्प, बेलपत्र, आंक, धतूरा अर्पित कर महाआरती की गयी. घंटे, शंख और झालरों की ध्वनि से वातावरण भक्तिमय हो गया. सरकारी पूजा के बाद श्रद्धालुओं द्वारा जल अर्पण का सिलसिला शुरू हुआ. क्षणिक विश्राम के लिए कपाट बंद किए गए और पुनः खोले जाने के बाद जलार्पण फिर शुरू हुआ, जो रात तक जारी रहा. मंदिर परिसर, शिवगंगा घाट और पूरा मेला क्षेत्र कांवरियों से भरा रहा. कुल 1.33 लाख कांवरियों ने जल अर्पित किया. महिला श्रद्धालु भी लंबी कतार में बाबा के दर्शन को उत्साहित रहीं. श्रद्धालुओं की सुरक्षा और व्यवस्था के लिए पुलिस बल और स्वयंसेवक तैनात रहे. शारीरिक रूप से असमर्थ, वृद्ध और बीमार श्रद्धालुओं के लिए जलार्पण काउंटर की व्यवस्था थी, जहां 36,240 श्रद्धालुओं ने गंगाजल अर्पित किया. काउंटर पर लगे टीवी स्क्रीन के माध्यम से उन्हें बाबा का लाइव दर्शन भी प्राप्त हुआ. शीघ्रदर्शनम योजना के अंतर्गत 5386 श्रद्धालुओं ने ₹300 के कूपन से सुलभ जलार्पण किया, जिससे मंदिर को कुल ₹16.15 लाख की आय हुई. दानपेटी और अन्य स्रोतों से कुल ₹1.80 लाख से अधिक की आमदनी हुई. पंडितों के अनुसार, सावन भगवान शिव की विशेष कृपा का महीना है। शिव को जल अत्यंत प्रिय है और सावन में जलाभिषेक से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. मान्यता है कि समुद्र मंथन के बाद शिव ने हलाहल पिया, तब उन्हें शांत करने के लिए देवताओं ने जलाभिषेक किया था। यह महीना भक्ति, तृप्ति और कल्याण का प्रतीक है.
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