प्रतिनिधि, बासुकिनाथ
राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव के सातवें दिन गुरुवार को देश के विभिन्न भागों से श्रद्धालु सुल्तानगंज उतरवाहिनी गंगा से गंगाजल लेकर फौजदारी बाबा के दरबार पहुंच रहे हैं. जलार्पण के बाद भोलेनाथ के भक्तों में गजब का उत्साह देखा जा रहा है. बासुकिनाथ में जलार्पण करने के बाद कांवर यात्रा पूरी करते हैं. बासुकिनाथ की व्यवस्था से भक्त काफी प्रसन्न दिखे. कहा कि फौजदारीनाथ की पूजा करने के बाद मन को सुकून मिलता है.क्या कहते हैं शिवभक्त
श्रावणी मेला में चार साल से बासुकिनाथ बाबा के पास आ रहे हैं, बाबा की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूरी हो रही है, झारखंड गढ़वा जिला से दोस्तों के साथ बासुकिनाथ धाम पहुंचे हैं. इस बार व्यवस्था बदला नजर आया. रूटलाइन में ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा, गर्भगृह में जलार्पण के बाद भोलेनाथ से मंगलकामना की. कहीं कोई दिक्कत नहीं हुई. बाबा के दरबार में आनेवाले सभी भक्तों की कामना निश्चित रूप से पूरी होती है.कुश विश्वकर्मा, गढ़वा
छतीसगढ़ से परिवार के साथ आये हैं. पिछले सात साल से कांवर यात्रा पर बासुकिनाथ धाम आ रहे हैं, बाबा के दर्शन से मुझे बहुत खुशी मिली है. कहा कि वह हर साल परिवार के साथ श्रावणी मेले में आते हैं और बाबा के दर्शन करके उसे बहुत शांति मिलती है. भोलेनाथ की कृपा मेरे परिवार पर है. इस बार की व्यवस्था बढ़िया है.मुन्ना कुमार, छतीसगढ़
17 वर्षों से बासुकि बाबा मंदिर आ रहा हूं. पहले से अब बासुकिनाथ में ज्यादा सुविधा अब बढ़ी है. मंदिर में सुलभ दर्शन और पूजन की व्यवस्था की गयी है, जिससे उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई. बताया उसने मंदिर कार्यालय से 300 रुपये देकर शीघ्रदर्शनम का टोकन लिया था, गर्भगृह में जलार्पण कर सुख-समृद्धि की कामना की.पंकज कुमार, गोरखपुर
कई साल से लगातार आ रहा हूं. देवघर मंदिर तक पैदल यात्रा कर पहुंचे, जबकि यहां गाड़ी से पहुंचा हूं, परिजनों के साथ भोलेनाथ के गर्भगृह में जलार्पण कर पूजा कर आनंद की अनुभूति हुई है, मन को शांति मिलती है. कहीं कोई दिक्कत नहीं हुई, व्यवस्था बढ़िया है. बासुकिनाथ में जलार्पण के लिए संग साथी के साथ आता हूं.दीपक विश्वकर्मा, गढ़वा
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