संवाददाता, दुमका झारखंड बांगाली समिति की विशेष बैठक आयोजित की गयी. इसमें सर्वसम्मति से शिक्षा मंत्री के बयान पर नाराजगी जाहिर कर गयी. डाॅ वाणी सेनगुप्ता की अध्यक्षता में संपन्न बैठक में सभी लोगों ने शिक्षामंत्री के उस बयान का विरोध किया, जिसमें कहा गया था कि समाज छात्र दे, किताब और शिक्षक तुरंत दे देंगे. बैठक में बताया गया कि शनिवार को झारखंड बांग्ला भाषी उन्नयन समिति के प्रतिनिधि मंडल ने पूर्वी सिंहभूम घोड़ाबंधा स्थित शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के आवासीय कार्यालय में उनसे भेंट की थी. प्रतिनिधिमंडल ने आवेदन सौंपा था, जिसमें मांग की गई कि झारखंड सरकार की पूर्व घोषणा के अनुरूप सरकारी विद्यालयों में कक्षा 1 से 10 तक बांग्ला भाषा में सभी विषयों की पाठ्यपुस्तकें तथा पर्याप्त बांग्ला शिक्षकों की नियुक्ति सुनिश्चित कर बांग्ला भाषा में शिक्षण कार्य अविलंब प्रारंभ करायी जाये. जिसके जवाब में शिक्षामंत्री ने उक्त बात कही थी. प्रतिनिधि मंडल ने मंत्री को यह भी स्मरण कराया कि निवर्तमान सरकार के कार्यकाल में विद्यालयों में विद्यार्थियों की मातृभाषा के आधार पर सर्वेक्षण कराया गया था. उसी आधार पर छात्रों को चिन्हित कर उचित शिक्षण व्यवस्था की जानी चाहिए. इस पर मंत्री का उत्तर था कि सरकार पहले ही सर्वेक्षण करा चुकी है. अब किसी के कहने पर निर्णय नहीं लिया जायेगा. उन्होंने यह भी कहा कि कई स्थानों पर बांग्ला भाषी छात्र ही नहीं हैं, फिर भी बांग्ला शिक्षकों को वेतन दिया जा रहा है. प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री को यह भी अवगत कराया कि झारखंड के गठन के पश्चात तत्कालीन सरकार द्वारा बांग्ला पुस्तकों की छपाई बंद कर दी गयी थी, जिससे बाध्य होकर विद्यार्थियों को हिंदी माध्यम को अपनाना पड़ा. 25 वर्षों के लंबे अंतराल में जब न तो बांग्ला किताबें थीं, न शिक्षक, और न बांग्ला में शिक्षा की व्यवस्था, तो स्वाभाविक है कि विद्यार्थियों का रुझान हिंदी की ओर बढ़ा. यदि सरकार विद्यालयों में पुनः सभी विषयों के लिए बांग्ला पुस्तकों की आपूर्ति और बांग्ला शिक्षकों की बहाली सुनिश्चित करे, तो निश्चित ही अभिभावकों का विश्वास बहाल होगा. एक से दो वर्षों के भीतर विद्यालयों में बांग्ला विद्यार्थियों की संख्या पुनः बढ़ेगी. बैठक में समिति के सचिव सुब्रत कुमार सिंह, मनोज नाग, स्वरूप सेनगुप्ता, दयामय मांझी, बापी सेनगुप्ता, पार्थ, दुलाल चौधरी, प्रवाल दास, नीरज नाग, सुशीत वरण चक्रवर्ती,जय चक्रवर्ती उपस्थित थे.
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