पॉक्सो पीड़िता का कस्तूरबा विद्यालय में नामांकन करवाया जामताड़ा से भटक कर आयी किशोरी को परिवार को सौंपा संवाददाता, दुमका दुमका के बाल कल्याण समिति ने दो किशोरियों को उनके परिवार में पुनर्वासित कर दिया. सदस्य डाॅ राज कुमार उपाध्याय ने बताया कि मसलिया थाना क्षेत्र की रहनेवाली 16 वर्षीय किशाेरी समिति के आदेश से पिछले छह माह से दुमका के धधकिया स्थित बालगृह में आवासित थी. दरअसल, पॉक्सो पीड़िता किशोरी को जब घटना के बाद समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया था, तो समिति ने उसे घर भेज दिया था. समिति ने मुकेश कुमार दुबे को इस मामले में सपोर्ट पर्सन नियुक्त किया था. उसने रिपोर्ट दी कि अभियुक्त के परिवार वाले पीड़िता के परिवार को झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर समझौता करने का दबाव बना रहे हैं. रिपोर्ट पर पीड़िता की सुरक्षा के लिहाज से समिति ने उसे बालगृह में आवासित कर दिया था. सपोर्ट नर्सन की ही रिपोर्ट पर किशोरी का कस्तूरबा विद्यालय में नामांकन करवाया गया. मंगलवार को किशोरी को उसके पिता के साथ घर भेज दिया गया. वह कस्तूरबा विद्यालय में अपनी पढ़ाई जारी रखेगी. छूट्टी होने पर परिवार के साथ रहेंगी. पिछले लगभग एक माह से समिति के आदेश से दुमका के बालगृह में आवासित जामताड़ा जिले के मिहिजाम थाना क्षेत्र में रहनेवाली 12 वर्षीय किशोरी को भी समिति ने मंगलवार को उसके भाई और मां को सौंप दिया. सीडब्ल्यूसी सदस्य डा राज कुमार उपाध्याय ने बताया कि यह किशोरी भटक कर 27 अप्रैल को दुमका आ गयी थी. वह अपना नाम और पता ठीक से नहीं बता पा रही थी. समिति ने उसका काउनसेलिंग करवा कर उसमें आये तथ्यों के अनुसार जामताड़ा के डीसीपीओ से किशोरी का सामाजिक जांच प्रतिवेदन (एसआईआर) मांगा. जामताड़ा डीसीपीओ ने एसआईआर में बताया कि किशोरी कभी स्कूल नहीं गयी। घर में उसका माता पिता के अलावा उसका भाई भी है. जांच में उसके घर का सत्यापन होने पर समिति के निर्देश पर मंगलवार को किशोरी का बड़ा भाई और उसकी मां समिति के समक्ष प्रस्तुत हुए. समिति ने अंडरटेकिंग लेकर बड़े भाई के सुपरविजन में किशोरी को सौंप दिया है और सात दिनों के अंदर किशोरी को जामताड़ा सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.
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