दलाही. मसलिया प्रखंड के धोबना हरिनबहाल पंचायत अंतर्गत जरुवाडीह गांव में शुक्रवार को डायरिया से 12 लोग आक्रांत हाे गये हैं. जैसे ही स्वास्थ्य विभाग को गांव में डायरिया फैलने के बारे में सूचना मिली, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मसलिया से टीम जरुवाडीह पहुंची, जहां पर ग्रामीणों ने सीएमओ डॉ उज्ज्वल कुमार पाल को जरुवाडीह के उप स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर और नर्स नहीं रहने की शिकायत की. आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि अगर स्वास्थ्य उप केंद्र में एएनएम या नर्स रहतीं या डॉक्टर रहते तो डायरिया पीड़ितों का इलाज हो पाता. हालांकि डॉ पाल ने मामले को गंभीरता से लिया .तुरंत पदस्थापित सीएचओ प्रियंका पंवरिया से पूछताछ की. बताया गया कि स्वास्थ्य उपकेंद्र में न तो बिजली है और न ही पानी है. ऐसे में कैसे आदमी रह पायेगा. डॉ उज्ज्वल ने देरी न करते हुए मरीजों के इलाज में लग पड़े. देखते ही देखते मरीजों को संख्या में वृद्धि होती गयी. सभी मरीजों को सलाइन चढ़ाना शुरू किया. मरीज माणिक भंडारी 65, टुंपा देवी 25 वर्ष, बुलु देवी 28 वर्ष, शिवानी कुंडू 70, नोनिगोपाल कुंडू 75 वर्ष, असीम कुंडू 55, भोलदासी दे 85, देवाशीष नंदी 13 वर्ष, प्रियंका कुमारी 5 वर्ष, विप्लव दास 25, गुंजा देवी 30, संजना कुमारी 3 वर्ष सभी को दवाई दी गयी. ग्रामीण राहुल गोलदार के अनुसार जरुवाडीह गांव में इंटेक वेल से पानी की सप्लाई होती है. नदी में कीचड़ युक्त पानी बहा था. वहीं पानी पूरे गांव को सप्लाई की गयी थी. इस कारण डायरिया फैल गया. इधर, डॉ उज्ज्वल पाल के अनुसार गांव में एक दिन पूर्व श्राद्ध का भोज था. लोगों में फूड प्वाइजनिंग का असर हुआ होगा. इस कारण डायरिया होने की संभावना है. मेडिकल टीम में डॉ उज्ज्वल पाल, दलाली सोरेन,सारथी हेंब्रम, सुनीता बेसरा, सहिया रेखा गोलदार, फार्मासिस्ट मनीष कुमार, रीता कुमारी, सीएचओ प्रियंका पंवरिया मौजूद थे. सप्लाई वाटर की गुणवत्ता की जांच की मांग ग्रामीणों ने जलापूर्ति की गुणवत्ता की जांच कराने की मांग की है. लोगों का कहना है कि पानी की गुणवत्ता सही नहीं रहने से लोग डायरिया के शिकार हुए हैं. पानी का रंग भी मटमैला है. बताया कि जरुवाडीह में इंटेक वेल 2.0 एमएलडी क्षमता वाला है. ग्रामीण का कहना है कि पानी ठीक से फिल्टर नहीं हो रहा है. लोग सप्लाई वाटर पर ही निर्भर हैं. हर घर में यहीं पानी पहुंचता है.
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