बासुकिनाथ. बाल विकास परियोजना कार्यालय जरमुंडी की सेविकाओं के लिए समर एप का प्रशिक्षण दिया गया. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अति गंभीर कुपोषित और मध्यम गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान कर समुदाय स्तर पर उनका प्रबंधन करना है. प्रशिक्षण में बताया गया कि कुपोषण और एनीमिया के उन्मूलन हेतु राज्य सरकार ने समर अभियान का आरंभ किया है. इस अभियान के तहत डोर-टू-डोर सर्वे कर कुपोषित एवं एनीमिया से पीड़ित महिलाओं और बच्चों को चिह्नित कर उन्हें उचित पोषण एवं उपचार प्रदान किया जाना है. अभियान की सफलता के लिए पोषण दल का गठन किया गया है. आंगनबाड़ी सेविका, सहिया और सखी मंडल को इसकी जिम्मेवारी सौंपी गयी है. सर्वे के दौरान चिह्नित महिला अथवा बच्चों को स्वास्थ्य सुधार की माॅनिटरिंग करनी है. यह भी कहा कि यदि बच्चे अत्यंत कुपोषित हों तो उसे तत्काल एमटीसी ले जाकर उसे पोषक तत्वों की प्राप्ति के लिए भर्ती कराना है. बच्चों का समुदाय स्तर पर पहचान कर 11 चरणों में उनका प्रबंधन करना है. साथ ही यह बताया गया कि 6 माह के कुपोषित बच्चों एवं उसकी माता का प्रबंधन किस प्रकार किया जाये. कुपोषित बच्चों का ग्राम स्तर पर प्रबंधन एमटीसी भेजना और एमटीसी से छूटने के बाद किस प्रकार उसका फॉलोअप किया जाय, इस बात की विस्तृत जानकारी दी गयी. मास्टर ट्रेनर के रूप में महिला पर्यवेक्षिका नीहारिका मल्लिक, छाया मुर्मू, जूली कुमारी आदि उपस्थित रही.
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