बासुकिनाथ. राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव 2025 के दूसरे दिन शनिवार को बाबा फौजदारीनाथ मंदिर में जलार्पण और दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. अहले सुबह 3 बजे से ही मंदिर परिसर, शिवगंगा घाट और मेला क्षेत्र कांवरियों से भरे रहे. मंदिर प्रबंधन के अनुसार, 41,365 श्रद्धालुओं ने बाबा को जल अर्पित कर सुख-समृद्धि की कामना की. सरकारी षोडशोपचार पूजा के बाद मंदिर का पट आम कांवरियों के लिए खोला गया. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल और सुरक्षा व्यवस्था तैनात रही. कतार में कांवरियों की सुविधा के लिए शेड लगाए गए, हालांकि कतार में घुसपैठ को लेकर थोड़ी नोकझोंक भी हुई. जलार्पण काउंटर से 1,248 श्रद्धालुओं ने पाइप के जरिए ”इंटरनेट जलार्पण” किया, जिसमें 8 एलईडी स्क्रीन पर लाइव दर्शन की व्यवस्था थी. इसके अलावा, 1,490 कांवरियों ने ₹300 शुल्क देकर ”शीघ्रदर्शनम” सेवा का लाभ लिया, जिससे मंदिर को ₹4,47,000 की आय हुई. मंदिर न्यास पर्षद को शनिवार को कुल ₹7,50,364 की आमदनी हुई, जिसमें ₹2,36,610 विभिन्न दानपेटियों से, ₹59,740 गोलक से, ₹7,014 अन्य स्रोतों से और 115 ग्राम चांदी भी गोलक से प्राप्त हुई. पूरी गिनती सीसीटीवी निगरानी में अधिकारियों की उपस्थिति में की गयी. श्रद्धालुओं की आस्था, मंदिर की व्यवस्था और तकनीकी प्रबंधन श्रद्धेय और अनुकरणीय रहा.
इंद्रवर्षा से मिटती है श्रद्धालुओं की थकान :
श्रावणी मेला के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा फौजदारीनाथ दरबार पहुंचते हैं. छोटे-छोटे कदमों के साथ श्रद्धालु कतारबद्ध होकर मंदिर गर्भगृह तक पहुंचते हैं. पूरी आस्था के साथ अपने आराध्य देव की पूजा-अर्चना करते हैं. श्रद्धालुओं को जिला प्रशासन द्वारा सुविधाएं दी जा रही है. गरमी में कतारबद्ध श्रद्धालुओं की थकान मिटाने के लिए रूट लाइन में इंद्र वर्षा की व्यवस्था की गयी है. इंद्रवर्षा श्रद्धालुओं की थकान मिटाती है. कतारबद्ध श्रद्धालुओं पर फुहारे के माध्यम से शीतल जल का छिड़काव किया जाता है. यह श्रद्धालुओं में एक नयी ऊर्जा का संचार करती है. कई बार कतारबद्ध होने के बाद श्रद्धालु के पांव शिथिल पड़ने लगते हैं. इस दौरान इंद्रवर्षा उन्हें सुख की अनुभूति कराता है.
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