शिकारीपाड़ा. देवघर, बासुकिनाथ, मलूटी व तारापीठ को जोडने वाली सड़क एनएच-114 ए पर शिकारीपाड़ा में मार्गीय सुविधा केंद्र बनने के छह वर्ष बाद भी बेकार पड़ी हुई है. इस मार्गीय सुविधा केंद्र का निर्माण पर्यटन विभाग द्वारा वर्ष 2019-20 में करवाया गया है. इस केंद्र के चालू होने से पर्यटकों, कांवरिया यात्रियों व श्रद्धालुओं सहित प्रखंड में आये अतिथियों के ठहरने की व्यवस्था उपलब्ध होती. साथ ही विभिन्न तरह के प्रशिक्षण शिविर, राजनीतिक व गैर राजनीतिक सभाएं व बैठकें आदि का आयोजन किया जाता. इससे सरकार को राजस्व की भी प्राप्ति होती. पर इस मार्गीय सुविधा केंद्र केचालू नहीं होने से यह बिना उपयोग के वीरान व बेकार पड़ी हुई है. गांव के बाहर स्थित होने व वीरान रहने के कारण असामाजिक तत्वों का अड्डा बन रही है. इस मार्गीय सुविधा केंद्र के चालू होने से पर्यटकों के ठहरने व बैठकें आदि आयोजित होने से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होता. कोविड-19 के समय इस भवन को आइसोलेशन केंद्र के रूप में परिवर्तित किया गया था, पर इस भवन का उपयोग तब भी नहीं हो पाया था. आसपास के ग्रामीणों ने इस मार्गीय सुविधा केंद्र को चालू करवाने की मांग की ताकि इस केंद्र का लाभ मिल सके.
क्या कहते हैं पदाधिकारी :
मार्गीय सुविधा केंद्र शिकारीपाड़ा गांव के बाहर होने से असामाजिक तत्वों द्वारा तोड़-फोड़ किया जाता रहा है. इस केंद्र की देख-रेख, रख-रखाव व संचालन के लिए पर्यटन विभाग की ओर से जिला परिषद के माध्यम से श्रावणी मेला के पश्चात टेंडर निकाला जाएगा, ताकि इस मार्गीय सुविधा केंद्र का संचालन हो सके.
– तूफान पोद्दार, अधिकारी, कला-संस्कृति, पर्यटन एवं खेलकूद विभाग.B
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