प्रतिनिधि, दुमका कोर्ट
आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के 11 साल पुराने मामले में एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एसडीजेएम मोहित चौधरी ने गुरुवार को सभी आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है. श्रम मंत्री संजय प्रसाद यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ चले मामले में बचाव पक्ष से अधिवक्ता धर्मेंद्र नारायण प्रसाद मौजूद थे. मंत्री ने कहा कि यह फैसला न सिर्फ मेरे व्यक्तिगत जीवन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि उन तमाम लोगों के लिए भी प्रेरणा है, जो लोकतंत्र, न्याय और संविधान में अटूट आस्था रखते हैं. मामला गोड्डा जिला के पथरगामा थाना में 09 दिसंबर में विधानसभा चुनाव के दौरान दर्ज किया गया था. गोड्डा के पथरगामा थाना में तत्कालीन बीडीओ पायल राज के आवेदन पर कांड संख्या 144/2014 के तहत दर्ज था. इसमें राजद प्रत्याशी संजय प्रसाद यादव, भाजपा प्रत्याशी रघुनंदन मंडल, जेवीएम प्रत्याशी संजीव आनंद एवं झामुमो प्रत्याशी राजेश साह के खिलाफ सरकारी जगह पर कार्यालय खोलने व झंडा-पोस्टर लगाने का आरोप था. आरोपियों में से भाजपा प्रत्याशी रघुनंदन मंडल का निधन हो चुका है. लिहाजा केस में तीन ही आरोपी बचे थे. मौके पर श्री यादव के समर्थक व राजद जिला अध्यक्ष अमरेंद्र यादव भी मौजूद थे.वोटर लिस्ट पुनरीक्षण पर दी प्रतिक्रिया
दुमका. चुनाव आयोग द्वारा बिहार में वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण के बाद 35.5 लाख मतदाताओं के पते पर न पाये जाने और 54.5 लाख मतदाताओं द्वारा फॉर्म नहीं भरे जाने का मुद्दा विधानसभा चुनावों में राजनीतिक दलों के लिए महत्वपूर्ण विषय बन गया है. श्रम नियोजन मंत्री संजय प्रसाद यादव ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने वोटर लिस्ट को गलत बताये जाने पर चुनौती देते हुए कहा कि यदि यह वोटर लिस्ट गलत मानी जा रही है, तो बिहार के पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों को रद्द कर फिर से चुनाव कराना चाहिए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है