प्रतिनिधि, काठीकुंड पंचुवाड़ा कोल माइंस से दुमका रेलवे रैक तक कोयला ढुलाई रोकने को लेकर काठीकुंड प्रखंड स्थित चांदनी चौक में जारी धरना मंगलवार को तीसरे दिन भी जारी रहा. कोयले की ढुलाई ठप रही. इस कारण माइंस और परिवहन एजेंसियों के बीच चिंता की लकीरें गहराने लगी है. वहीं धरनास्थल पर ग्रामीणों की उपस्थिति न केवल बनी रही, बल्कि मंगलवार को उसमें और उत्साह देखा गया. धरना को समर्थन देने और आंदोलनकारियों का मनोबल बढ़ाने के लिए कई प्रमुख जनप्रतिनिधि भी पहुंचे. मौके पर जिला परिषद अध्यक्ष जॉयस बेसरा ने कहा कि कोयला कंपनियों द्वारा स्थानीय लोगों के अधिकारों, स्वास्थ्य और रोजगार की लगातार अनदेखी की जा रही है. कहा कि मैं ग्रामीणों के शांतिपूर्ण आंदोलन का समर्थन करती हूं. ग्राम प्रधान सह सांसद प्रतिनिधि जोन सोरेन ने कहा कि यह केवल कोयला ढुलाई का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह हमारे अस्तित्व और अधिकार का सवाल है. हम वर्षों से सिर्फ धूल, प्रदूषण और टूटे वादे झेल रहे हैं. अब हम ठान चुके हैं कि जब तक लिखित आश्वासन और ठोस समाधान नहीं मिलता, हम ग्रामीणों का यह धरना जारी रहेगा. आंदोलन केवल अपने हक की आवाज है और हम तब तक पीछे नहीं हटेंगे, जब तक हमारी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया जाता. वहीं धरना प्रदर्शन में बैठे ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उनकी बात नहीं सुनी जाती, वे इसी प्रकार शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से धरना जारी रखेंगे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है