दुर्भाग्यपूर्ण. काठीकुंड के मुरगुज्जा के ग्रामीणों की त्रासदी प्रतिनिधि, काठीकुंड: वर्ष 2020 में जब प्रखंड के नारगंज से महुआगढ़ी तक सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ, तो पहाड़ी क्षेत्रों में बसे कई गांवों की बिजली आपूर्ति बाधित हो गई थी. सड़क बनने की खुशी में ग्रामीणों ने वर्षों तक बिना बिजली के दिन बिताये. वर्ष 2022 में कार्य पूर्ण होने के बाद अधिकतर गांवों में धीरे-धीरे बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई, लेकिन मुरगुज्जा गांव अब तक अंधेरे में डूबा हुआ है. इस गांव के मुख्य मार्ग से जुड़ी बिजली की लाइनें और खंभे सड़क निर्माण के दौरान क्षतिग्रस्त हो गए थे, लेकिन इनकी अब तक मरम्मत नहीं की गई. अन्य सभी प्रभावित गांवों में बिजली व्यवस्था बहाल हो चुकी है, जिससे मुरगुज्जा के ग्रामीण खुद के साथ हो रहे इस भेदभाव से आहत हैं. स्थिति यह है कि बीते दो वर्षों में गांव का ट्रांसफार्मर भी चोरी हो चुका है. मोबाइल और टॉर्च की चार्जिंग के लिए ग्रामीण सोलर लाइट या फिर पास के गांवों पर निर्भर हैं. भीषण गर्मी ने परेशानी और बढ़ा दी है. रात के अंधेरे में सांप-बिच्छू का खतरा भी हमेशा बना रहता है. ग्रामीणों के अनुसार, अंधेरे में बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है और रसोई के समय गृहणियों को विशेष दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इस गंभीर समस्या पर जब विभागीय जूनियर इंजीनियर से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं था. उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही समस्या का समाधान कर गांव में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी जायेगी. ग्रामीणों की प्रतिक्रियाएं: सड़क निर्माण से बिजली की सुविधा ठप हो जाएगी, इसका अंदेशा नहीं था. अब जल्द से जल्द बिजली आपूर्ति बहाल होनी चाहिए. लखन देहरी, ग्राम प्रधान रात होते ही गांव में घना अंधेरा छा जाता है. उम्र भी हो गई है, ऐसे में अंधेरे में बहुत परेशानी होती है. टॉर्च की रोशनी भी ज्यादा देर तक नहीं टिकती. रंगाई देहरी जब एक बार बिजली की आदत लग जाती है तो वह जीवन का हिस्सा बन जाती है. कई वर्षों से हम ग्रामीण इससे वंचित हैं. सुकुरमुनी देवी बिजली की अनुपस्थिति का सीधा असर बच्चों की पढ़ाई और रसोई पर पड़ता है. पहले बिजली नहीं थी तो उसकी आदत नहीं थी, लेकिन अब इसके बिना रहना कठिन हो गया है. हीरामुनी देवी
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