संवाददाता, दुमका. प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत जनजातीय खासकर पहाड़िया आदिम जनजाति बहुल गांवों को सड़क से जोड़ने की पहल हो रही है. इस योजना के तहत प्रारंभिक तौर पर ऐसे गांवों को चुना गया है, जहां 2011 की जनगणना के मुताबिक 100 से अधिक की आबादी रही है और मुख्य सड़क से गांव या टोला तक पक्की सड़क नहीं बनी है. अभी मुख्य सड़क से 500 मीटर से अधिक लंबाई वाली सड़क को चिह्नित किया गया है. ग्रामीण विकास विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक इस परियोजना के तहत दो सड़कों के निर्माण की कवायद शुरू करायी जा चुकी है. इसमें मसलिया के तालडंगाल से पहाड़िया टोला तक की 850 मीटर लंबी सड़क व रामगढ़ के बास्को के आरइओ रोड से लाठीपहाड़ तक 2410 मीटर लंबी सड़क की परियोजना शामिल है. दोनों के निर्माण में लगभग 3 करोड़ 85 करोड़ रुपये व्यय होंगे. लाठीपहाड़ स्वतंत्रता आंदोलन में प्रमुख स्थल और प्रथम सांसद लाल बाबा यानी लाल हेंब्रम की कर्मस्थली भी थी, जहां से स्वतंत्रता सेनानियों ने संताल परगना में आजादी के आंदोलन में अंग्रेजों के छक्के छुड़ाने का काम किया था. विभाग के कार्यपालक अभियंता सुशील कुमार सिन्हा ने बताया कि दुमका जिला के आदिम जनजाति समुदाय गांव की तमाम कच्ची सड़कों को चिह्नित कर लिया गया है. इन दो के अलावा 21 और सड़क बनाने के लिए सरकार से मंजूरी भी मिल गयी है. अब टेंडर की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. टेंडर के बाद बैच-1 की 21 सड़कों का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा. पहले बैच में 21 आदिम जनजाति समुदाय के गांवों में सड़कों का जाल बिछाने की योजना है. दूसरे एवं तीसरे बैच के लिए भी 6-6 आदिम जनजाति समुदाय के गांवों की कच्ची सड़कों को पक्की करने के लिए चिह्नित कर लिया गया है. दूसरे और तीसरे बैच की सड़कों को बनाने के लिए सरकार से अभी मंजूरी नहीं मिली है. प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है. बता दें कि इस प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत पहाड़िया गांवों में आवास,पेयजल,आंगनबाड़ी केन्द्र के अलावा सड़कों का निर्माण करना है. इस योजना के तहत केन्द्र सरकार से 60 प्रतिशत फंड आवंटित करेगी, जबकि 40 प्रतिशत राज्य सरकार फंड आवंटित करेगी. श्री सिन्हा ने बताया कि प्रथम फेज का काम अक्टूबर में शुरू होने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि निर्देश आया है कि जिले में जितने भी आदिम जनजाति पहाड़िया बहुल गांव है. उनकों मुख्य सड़क से जोड़ना है. लिहाजा ऐसे गांव चिह्नित किये गये हैं.
पहले बैच में जिन योजनाओं की मिली है स्वीकृति :
पहले बैच में दुमका सदर में झाझापाड़ा से धोवाडंगाल तक पीडब्ल्यूडी रोड से रानीबहाल मंगलापोखर आमबगान तक, गोपीकांदर का पीएमजीएसवाय रोड से बारापाथर मालपहाड़िया टोला तक, पीडब्ल्यूडी रोड भदरादिग्घी से पीपरापहाड़ी टोला तक, पीएमजीएसवाय रोड से चीरूडीह तक, पीएमजीएसवाय रोड से खजुरडंगाल तक, जामा में गरगरिया, खेदनाबेडा से गिरडी कुमारमेटिया, थानपुर तितरिया से मंझियानडीह, जरमुंडी में अंबा से सुंदर, जरताल से माल पहाड़िया, काठीकुंड के तीन टोला छोटाधनियापहाड़ी, कुसुमटोला छोटा धनियापहाड़ी, जगदीशपुर रानीपहाड़ी पहाड़िया टोला, मसलिया हरिपुर, चापुडिया से वनपाड़ा पहाड़िया टोला, रानीश्वर के कुमिरखाला बांसकुली, नौरंगी, सरैयाहाट के पोखरिया से माल पहाड़िया टोला, शिकारीपाड़ा के नवपहाड़ व सतपकड़िया की सड़कें शामिल हैं. इन 21 प्रस्तावित व स्वीकृत सड़कों की लंबाई लगभग 37.393 किमी है प्राक्कलित राशि लगभग 33 करोड़ रुपये है.
दूसरे व तीसरे बैच के लिए प्रस्तावित 12 सड़कें :
दुमका सदर में भारूडीह से सरसिया संताली पहाड़िया टोली, मुरजोरा मेन रोड से नुरूईबथान संताल टोला, तिलकामांझी चौक से गादी कोरैया पहाड़िया टोला, गोपीकांदर में जोलो पीसीसी रोड से चंपा टोला रोड, धुंधापहाड़ीटोला से कुंडापहाड़ी आरइओ रोड, धावाडंगाल आरइओ रोड से संताल टोला, जामा में मेघी घटवाली से पहाड़िया टोला, तपसी बरगमारा से कामु डुमरिया रोड, रामगढ़ गरडी सरपहाड़ी से घंटी सोकला टोला, शिकारीपाड़ा में तोराटोला से लावापाड़ा रोड व सालबोना पहाड़ से चंदनगड़िया आरइओ रोड. दूसरे व तीसरे बैच में क्रमश: 5.331 किमी व 10.985 किमी सड़क बननी है, जिसकी लागत क्रमश: 6.79 करोड़ व 10.03 करोड़ रुपये है.
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