रामगढ़. आयो आयदरी ट्रस्ट द्वारा गर्ल्स फर्स्ट फंड परियोजना के तहत किशोरियों एवं महिलाओं के साथ पॉक्सो कानून को लेकर प्रशिक्षण का आयोजन शनिवार को रामगढ़ प्रखंड के महुबना पंचायत के हड़वा डंगाल में किया गया. परियोजना समन्वयक सुष्मिता महतो ने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य किशोरियों एवं महिलाओं को पॉक्सो कानून के बारे में जानकारी देना है. प्रशिक्षक सह अधिवक्ता प्रभाष चन्द्र ठाकुर ने प्रतिभागियों से कहा कि पॉक्सो कानून या यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012 बच्चों को यौन शोषण और उत्पीड़न से बचाने के लिए बनाया गया है. कहा कि इस कानून में यौन अपराधों की विस्तृत परिभाषा दी गयी है, जिसमें यौन शोषण, यौन उत्पीड़न और यौन हमला शामिल हैं. इस कानून के तहत यौन अपराधों के लिए सजा और दंड का प्रावधान है, जो अपराध की गंभीरता के अनुसार निर्धारित किया जाता है. इस कानून में बच्चों की सुरक्षा के लिए कई प्रावधान हैं, जैसे कि बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए विशेष अदालतों की स्थापना. उन्होंने कहा कि इस कानून में पीड़ितों के अधिकारों का संरक्षण किया गया है, जैसे कि उनकी पहचान की गोपनीयता और न्यायालय में उनकी गवाही के दौरान सुरक्षा उपलब्ध कराना. साथ ही यह कानून पीड़ितों को न्याय प्राप्त करने में मदद करता है. कार्यशाला में मुख्य रूप से निर्मला हांसदा, अनिता सोरेन, सावित्री किस्कू, पकलू मुनि बास्की, महुबना पंचायत की पूर्व मुखिया किरणलता मुर्म, होपनबिटी सोरेन, प्रेम शीला सोरेन, अंजुला मुर्मू, मेरी किस्कू, मामूनी सोरेन, सुनीता सोरेन, दुलाड सोरेन, पुष्पा मुर्मू, बेरोनिका किस्कू, चिंतामुनी बेसरा, पुष्पा सोरेन, मीरू किस्कू, प्रमिला बेसरा आदि शामिल थीं.
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