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ओडिशा के सिमलीपाल से भागी ‘जीनत’ ने 14 घंटे बाद किया भैंस का शिकार, झारखंड के गांवों में लगी धारा 144

Jharkhand News: ओडिशा के सिमलीपाल टाइगर रिजर्व से भागी बाघिन ‘जीनत’ 19 दिन बाद भी पकड़ से बाहर है. हालांकि, 14 घंटे बाद उसने भैंस का शिकार किया.

Jharkhand News: ओडिशा के सिमलीपाल टाइगर रिजर्व से भागकर झारखंड पहुंची बाघिन ‘जीनत’ गुरुवार को दिन भर चाकुलिया वन क्षेत्र के चियाबांधी जंगल में रही. वह 19 दिन पहले 24 नवंबर को सिमलीपाल टाइगर रिजर्व से निकली थी और गुड़ाबांदा के रास्ते चाकुलिया नयाग्राम, राजाबासा होते हुए चियाबांधी पहुंची. बुधवार को वन विभाग की टीम ने बाघिन को पकड़ने के लिए भैंस को जंगल में बांधकर छोड़ दिया, ताकि बाघिन उसका शिकार करे और उसे बेहोशी का इंजेक्शन लगाया जा सके.

लगभग 14 घंटे बाद गुरुवार की सुबह 4:00 बजे बाघिन ने भैंस पर हमला किया. मौका देखकर ओडिशा वन विभाग की टीम ने बेहोश करने के लिए बाघिन पर इंजेक्शन फायर किया, परंतु निशाना सटीक नहीं बैठा और बाघिन जंगल में भाग गई. इसके बाद गुरुवार को वन विभाग की टीम ने दिन भर बाघिन के भैंस के समीप आने का इंतजार करती रही. लेकिन बाघिन ने मौका नहीं दिया. ओडिशा की 15 सदस्यीय टीम बाघिन पर नजर रखी हुई है.

40 घंटे से बाघिन चियाबांधी जंगल में, स्कूल बंद, बच्चे घरों में कैद

पिछले 40 घंटे से बाघिन जीनत चियाबांधी जंगल में छिपी है. दूसरी ओर, गांव में बाघिन को लेकर दहशत का माहौल है. चियाबांधी आनंद मार्ग स्कूल दो दिनों से बंद है. ग्रामीण बच्चों को घरों से निकलने नहीं दे रहे हैं. घर में बच्चों को सबके बीच में बैठा रहे हैं. अंधेरा होते ही सभी घरों में कैद हो जा रहे हैं. ओडिशा वन विभाग की टीम के साथ चाकुलिया वन विभाग की टीम लगातार बाघिन और ग्रामीणों की सुरक्षा में जुटी है.

Jharkhand News Tigress Zeenat Security
चियाबांधी जंगल में वन विभाग और पुलिस की टीम. फोटो : प्रभात खबर

ग्रामीणों की भीड़ रोकने के लिए गांवों में धारा 144 लागू

घाटशिला अनुमंडल पदाधिकारी ने सुरक्षा के मद्देनजर चियाबांधी, दाडिका, खाडबांधा आदि गांवों में धारा 144 लगा दी है. क्षेत्र में लोगों के बेवजह घूमने पर प्रतिबंध है, जिसके बाद गुरुवार को बाघ को देखने के लिए भीड़ नहीं जुटी. मौके पर चाकुलिया पुलिस की टीम भी तैनात रही.

बाघिन को सुरक्षित पकड़ने के लिए एक्सपर्ट्स कर रहे काम : डीएफओ

जमशेदपुर डीएफओ सबा आलम अंसारी के नेतृत्व में एक टीम चाकुलिया में भी काम कर रही है. चूंकि, ओडिशा के पास काफी संख्या में टाइगर हैं, इस कारण वहां के एक्सपर्ट्स की मदद ली जा रही है. पलामू टाइगर रिजर्व से भी एक्सपर्ट्स को बुलाया गया है, ताकि बाघिन को सुरक्षित पकड़ा जा सके.

इस बीच, झारखंड और ओडिशा सरकार के बीच भी बाघिन को लेकर चर्चा हुई है. दोनों राज्यों के वन विभाग की ओर से रणनीति तैयार की गयी है. डीएफओ ने बताया कि ओडिशा वन विभाग के साथ मिलकर हम लोग काम कर रहे हैं. कई स्तर के अधिकारी अपने सारे तकनीकी टीम के साथ आयी हुई है. अभी और जरूरत होगी तो और टीम आयेगी. ओडिशा के और एक्सपर्ट्स को उतारा जायेगा. बाघिन र पूरी नजर रखी जा रही है ताकि जान-माल को नुकसान नहीं पहुंचे.

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Mithilesh Jha
Mithilesh Jha
प्रभात खबर में दो दशक से अधिक का करियर. कलकत्ता विश्वविद्यालय से कॉमर्स ग्रेजुएट. झारखंड और बंगाल में प्रिंट और डिजिटल में काम करने का अनुभव. राजनीतिक, सामाजिक, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय विषयों के अलावा क्लाइमेट चेंज, नवीकरणीय ऊर्जा (RE) और ग्रामीण पत्रकारिता में विशेष रुचि. प्रभात खबर के सेंट्रल डेस्क और रूरल डेस्क के बाद प्रभात खबर डिजिटल में नेशनल, इंटरनेशनल डेस्क पर काम. वर्तमान में झारखंड हेड के पद पर कार्यरत.

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