पटमदा. टाटा स्टील के लैंड डिपार्टमेंट ने मंगलवार सुबह डिमना लेक के समीप मिर्जाडीह फुटबॉल मैदान के पास सड़क किनारे स्थित एक निर्माणाधीन आवास को तोड़ने की कार्रवाई की. यह कार्रवाई होते ही आसपास के दर्जनों ग्रामीण एकजुट हो गए और उन्होंने विरोध जताते हुए हंगामा किया. लैंड डिपार्टमेंट का नेतृत्व सुनील सिंह कर रहे थे. सूचना मिलते ही सीओ रंजीत कुमार रंजन के निर्देश पर थाना प्रभारी मनोरंजन कुमार, एसआई एमडी मजीद, एसएस भगत और हल्का कर्मचारी विष्णु कुमार मौके पर पहुंचे. पुलिस ने ग्रामीणों को समझाया और स्थिति को शांत किया. जब हंगामा बढ़ने लगा, तो टाटा स्टील के अधिकारी और कर्मचारी एक निर्माणाधीन मकान को तोड़कर वापस लौट गए.
ग्रामीणों का आरोप :
ग्रामीण शंभू सिंह ने आरोप लगाया कि मिर्जाडीह फुटबॉल मैदान की 14 एकड़ 572 डिसमिल जमीन गांव के 16 लोगों की है, जिसे टाटा स्टील ने अपना नाम कर लिया है और अब इस पर अपना कब्जा जमाना चाहती है. उन्होंने कहा कि टाटा स्टील द्वारा 16 आदिवासियों की जमीन पर कब्जा करने के लिए कई बार बैठकें की गईं, लेकिन ग्रामीणों ने साफ इनकार कर दिया. इस जमीन पर खेती-बाड़ी के लिए ग्रामीणों ने भवन का निर्माण कराया था, जिसे बिना नोटिस दिए ही तोड़ दिया गया. वहीं, सीओ रंजीत कुमार रंजन ने बताया कि मिर्जाडीह फुटबॉल मैदान की जमीन पर टाटा स्टील और ग्रामीणों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है. टाटा स्टील ने इस जमीन पर अधिकार हासिल करने के लिए डिग्री प्राप्त की है. सुरक्षा कारणों से, मंगलवार सुबह पुलिस और संबंधित कर्मचारियों को मौके पर भेजा गया था. इस संबंध पर टाटा स्टील लैंड डिपार्टमेंट ने कहा कि यह सामान्य अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया है. इसका लोगों ने विरोध किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है