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Shravani Mela 2025: झारखंड के शिवढोंढा मंदिर का है विशेष महत्व, कई राज्यों से आते हैं श्रद्धालु

Shravani Mela 2025: झारखंड के अलग-अलग जिलों में भगवान शंकर अलग-अलग रूपों में विराजमान हैं. देवघर में बाबा बैद्यनाथ की महिमा अपरम्पार है, तो गढ़वा जिले में भगवान भोलेनाथ शिवढोंढा मंदिर में विराजमान हैं. कहते हैं कि यहां सच्चे मन से मांगी जाने वाली हर मन्नत पूरी होती है. सावन और शिवरात्रि के दौरान कई राज्यों से श्रद्धालु मंदिर में जलाभिषेक करने आते हैं. आप भी जानें इसका महत्व.

Shravani Mela 2025| गढवा, राजकमल तिवारी : गढ़वा शहर में श्रद्धा और आस्था का एक केंद्र है. प्राचीन शिवढोंढा मंदिर. पवित्र माह सावन में यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है. वैसै इसकी स्थापना कब हुई, इसका कहीं कोई उल्लेख नहीं है, लेकिन लोगों की मानें, तो इस मंदिर का इतिहास सैकड़ों साल पुराना है. पहले यहां चबूतरे पर शिवलिंग की स्थापना की गयी थी, जो अब मंदिर का स्वरूप ले चुका है. मंदिर के बगल से ढोंढा नदी बहती थी, इसलिए इस स्थान को शिवढोंढा के रूप में प्रसिद्धि मिली.

शहर के सोनपुरवा में है शिवढोंढा मंदिर

प्राचीन शिवढोंढा मंदिर गढ़वा शहर के सोनपुरवा में है. शहर के अलावा ग्रामीण इलाके से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पूजा-अर्चना के लिए आते हैं. ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन से इस दरबार में मांगी जाने वाली हर मनोकामना पूर्ण होती है. सावन माह में यहां भगवान शिव का जलाभिषेक करने वालों का तांता लगा रहता है.

शिवरात्रि पर हर वर्ष लगता है भव्य मेला

सोमवार को यहां विशेष भीड़ होती है. मंदिर समिति द्वारा सावन के प्रत्येक सोमवार को भंडारा का भी आयोजन किया जाता है. शिवरात्रि के मौके पर प्रत्येक वर्ष भव्य मेला लगता है. 21 जुलाई को पूर्व मंत्री मिथिलेश ठाकुर भी यहां पहुंचे थे. उन्होंने इस धार्मिक स्थल के विकास में अपेक्षित सहयोग का भरोसा दिया है.

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वर्ष 2018 में हुआ था मंदिर का जीर्णोद्धार

प्राचीन शिवढोंढा मंदिर का वर्ष 2018 में स्थानीय लोगों ने कमेटी बनाकर जन सहयोग से जीर्णोद्धार किया था. इस कमेटी में रामाश्रय पांडेय, दिलीप कुमार, नंदू गौड़, मनोज केसरी, बलवंत पांडे ने सक्रिय भूमिका निभायी थी. श्रावण मास में शंकर माली, अनिल चंद्रवंशी, संतोष प्रसाद, नंदू गौड़, दीनानाथ कुमार व अन्य ने मंदिर की साज-सज्जा करवायी है, जिससे मंदिर का स्वरूप भव्य दिखता है.

Shravani Mela 2025 Shiv Dhondha Mandir Garhwa Jharkhand News
श्रावण की सोमवारी से पहले मंदिर की होती है आकर्षक सजावट. फोटो : प्रभात खबर

निकाली जाती है कांवर यात्रा

शिवढोंढा में जलाभिषेक के लिए कांवर यात्रा भी निकलती है. इसके लिए मंदिर से सटे तालाब से जल लेकर भक्त कांवरियां के वेश में इस मंदिर के साथ लहसुनिया पहाड़ स्थित घटवार बाबा के मंदिर में भी जल चढ़ाते हैं.

मंदिर के पास है तालाब, साल भर रहता है इसमें पानी

सोनपुरवा निवासी गौतम कुमार ने बताया कि पूर्वज बताते हैं कि मंदिर सैकड़ों साल पुराना है. यहां पर एक छोटा तालाब भी है, जिसमें साल भर पानी रहता है. इस स्थान पर दर्शन के लिए दूसरे राज्य से भी श्रद्धालु आते हैं. इसके बगल में तालाब होने से इसके मंदिर की सुंदरता और बढ़ जाती है. मंदिर परिसर में भगवान हनुमान का भी मंदिर है. मंदिर परिसर में एक विशाल वट वृक्ष है, जो सैकड़ों साल पुराना है.

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Mithilesh Jha
Mithilesh Jha
प्रभात खबर में दो दशक से अधिक का करियर. कलकत्ता विश्वविद्यालय से कॉमर्स ग्रेजुएट. झारखंड और बंगाल में प्रिंट और डिजिटल में काम करने का अनुभव. राजनीतिक, सामाजिक, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय विषयों के अलावा क्लाइमेट चेंज, नवीकरणीय ऊर्जा (RE) और ग्रामीण पत्रकारिता में विशेष रुचि. प्रभात खबर के सेंट्रल डेस्क और रूरल डेस्क के बाद प्रभात खबर डिजिटल में नेशनल, इंटरनेशनल डेस्क पर काम. वर्तमान में झारखंड हेड के पद पर कार्यरत.

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