यह मामला बगोदर थाना क्षेत्र का है. 1 जुलाई 2022 को जितेन्द्र रजक को घर से जबरन अपहरण कर लिया गया था. इसके बाद कुछ ही दिनों में उसका शव चेचरो रेलवे लाइन के पास बरामद हुआ था. इस घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी थी. मामले में मृतक के पिता राजेन्द्र गोप ने बगोदर थाना में कांड संख्या 302/34, 364/34 के तहत एफआईआर दर्ज करायी थी.
14 गवाहों को कोर्ट में पेश किया
अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक सुरेश मरांडी ने अदालत में 14 गवाहों को पेश किया जिनमें मृतक के पिता समेत चश्मदीद गवाह भी शामिल थे. मरांडी ने अदालत में तर्क दिया कि यह एक क्रूरतम और अमानवीय घटना है जिसमें एक युवक को उसके ही घर से अगवा कर उसकी हत्या कर दी गई. वहीं बचाव पक्ष ने अदालत में कहा कि मृतक के पिता ने घटना के एक सप्ताह बाद पुरानी रंजिश के चलते झूठा मुकदमा दायर किया है. दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद न्यायालय ने 10 नामजद अभियुक्तों में से दो जितेन्द्र रजक और विनोद रजक को दोषी करार दिया. अदालत ने पाया कि इन दोनों ने ही अपहरण और हत्या की साजिश रची और उसे अंजाम दिया. अदालत ने दोनों दोषियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 302/34 और 364/34 के तहत दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. संपूर्ण मामले की निगरानी बगोदर पुलिस द्वारा की गयी थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है