अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम उन्मूलन दिवस के अवसर गुरुवार को देवरी प्रखंड अंतर्गत संचालित बाल मित्र ग्रामों जेरोडीह, पंदनाडीह परसाडीह भातुरायडीह तिलकडीह, कोयरीडीह, फुटका, गरही, महतोधरण बड़कीटांड़, कर्माटांड़, दुलाभीठा, बिझारा, कुंडीलवा, जवारी, तिलकडीह व चौकी में तीन दिवसीय विविध जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. संगठन के जिला समन्वयक सुरेंद्र पंडित ने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा, बाल श्रम के दुष्परिणामों पर ध्यानाकर्षण के साथ सजगता और बाल श्रम मुक्त समाज की परिकल्पना को साकार करना रहा.
चित्रों के माध्यम से जताया विरोध
तीन दिवसीय कार्यक्रम में बाल मित्र ग्रामों में जागरूकता कार्यक्रम की शुरुआत बच्चों और युवाओं ने दीवार लेखन के माध्यम से की. उन्होंने सशक्त नारों और चित्रों के माध्यम से बाल श्रम के खिलाफ अपना विरोध प्रकट किया. इसके पश्चात बच्चों व लोगों ने रैली निकालकर पूरे गांव में जागरूकता का संदेश दिया. गांव के बुजुर्ग, महिला मंडल, युवा और बाल पंचायत सदस्यों ने सामूहिक रूप से बाल श्रम मुक्त ग्राम की घोषणा करते हुए यह संकल्प लिया कि किसी भी बच्चे से मजदूरी नहीं करायी जायेगी. बाल अधिकारों पर आधारित प्रेरणादायक फिल्म की स्क्रीनिंग भी की गयी. बाल पंचायत के सदस्यों ने बाल श्रम के विरुद्ध नारों वाले पोस्टकार्ड का प्रदर्शन करते हुए अपने विचार साझा किये और सरकार व समाज से अपील की कि बच्चों के बचपन को सुरक्षित रखने हेतु ठोस कदम उठाए जायें. बाल पंचायत मुखिया सह राष्ट्रीय बाल महापंचायत की सदस्य सुरुजमुनी हेंब्रम, जेरोडीह के युवा मंडल अध्यक्ष दिनेश मुर्मू, सदस्य मनोज मंडल आदि ने अपने विचार रखे
परसाडीह में बाल श्रम निषेध दिवस का आयोजन
टीडीएच के सहयोग से अभिव्यक्ति फाउंडेशन ने तिलकडीह पंचायत के परसाडीह गांव में बाल मंच, यूथ क्लब व ग्रामीणों के सहयोग से विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया. संस्था कर्मी विशेष कुमार ने कहा कि बच्चे किसी भी राष्ट्र के भावी निर्माता होते हैं, इस भावी पीढ़ी के सर्वांगीण विकास की जिम्मेवारी हम सभी की बनती है. सहिया दीदी सुनीता हेंब्रम ने कहा कि बाल श्रम का मुख्य कारण गरीबी और निरक्षरता है. लोग शिक्षित व साक्षर होंगे, तो स्वतः बाल श्रम में कमी आयेगी. झारखंड यूथ नेटवर्क से जुड़े युवा अक्षय कुमार और सविता बास्के ने कहा कि अब लोग जागरूक हो रहे हैं और बाल श्रम रोकने में काफी हद तक सफलता मिली है. कार्यक्रम के बाद बाल श्रम निषेध स्लोगन के साथ नारा लगाते हुए पूरे गांव का भ्रमण किया गया. मौके पर मनोज सिन्हा, मनोज हेंब्रम, तेरेसा मरांडी, मुनिता बास्के, शुकरा बेसरा आकृति हेंब्रम आदि थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है