देश में चार श्रम कोड बिल लाकर देशभर के 45 करोड़ मजदूर का हक व अधिकार छीनने की योजना केंद्र सरकार ने बनायी है. उक्त बातें गुरुवार को झामस के राष्ट्रीय महासचिव सीताराम सिंह ने झारखंड ग्रामीण मजदूर सभा के बैनर तले आयोजित जिला स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए कही. कहा कि चार श्रम कोड किसान व मजदूर विरोधी हैं. केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ आगामी नौ जुलाई को भारत बंद को सफल बनाने के लिए पूरे देश स्तर पर एक अभियान चलाया जा रहा. कहा कि मोदी सरकार मेहनतकशों के खिलाफ जबरदस्त तरीके से हमला बोल रही है. एक-एक करके मजदूरों के अधिकार छीने जा रहे हैं. पहले किसानों के खिलाफ काला कानून लाया गया था. किसानों के आंदोलन के बाद इसे वापस लिया. अब केंद्र सरकार को फोकस मजदूरों का अधिकार छीनने पर है. चार श्रम कोड इसी की एक बानगी है. उन्होंने नौ जुलाई की हड़ताल को भी सफल बनाने की अपील की. क
जमुआ व देवरी की जनता दिखायेगी एकजुटता
जिप सदस्य विजय पांडेय ने कहा कि मोदी सरकार कभी धर्म तो कभी किसानों को बांटकर सत्ता पर पर कब्जा किया है. अब मजदूरों को शांत नहीं रहने देने के नाम पर चार श्रम कोड बिल लाया है. इसका विरोध करने की जरूरत है. जिप सदस्य उस्मान अंसारी ने कहा कि संगठन को मजबूत कर हम मोदी सरकार के सभी सपने तोड़ सकते हैं. नौ जुलाई की आम हड़ताल में जमुआ व देवरी की जनता अपनी एकता का परिचय देगी. मौके पर राज्य कमेटी सदस्य किशोरी अग्रवाल, मीना दास, रीतलाल प्रसाद वर्मा, महेंद्र मंडल, सरिता महतो, पवन महतो, रामेश्वर ठाकुर, बाबूलाल महतो, कैलाश पंडित, रामा दास, सुनील रविदास, मुन्ना मंडल, राजेश दास, भागीरथ पंडित आदि मौजूद थे.
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