पीरटांड़ के कुंडको गांव से दिशोम गुरु का गहरा नाता रहा है. कुंडको में रहकर गुरुजी आंदोलन की रुपरेखा तैयार करते थे. आंदोलन के समय गुरुजी के साथ मोहनलाल मुखिया, डेगो महतो, भुनेश्वर स्वर्णकार, चरण किस्कू समेत अन्य रहते थो. दिशोम गुरु के निधन की खबर के बाद गांव मे मातम पसर गया. लोग पुराने समय को याद करके गम में डूबे हैं. कुंडको निवासी महेंद्र महतो, संजय महतो, राजू ठाकुर, उषा ठाकुर, दयाल महतो, मोहनलाल, झामुमो के युवराज महतो, हीरालाल महतो, अंबिका राय, कैलाश अग्रवाल, गिरजाशंकर महतो, बिरजू मरांडी, महावीर मुर्मू, बाबूराम हेंब्रम, बाबूराम मुर्मू, विद्याभूषण मिश्रा, अशोक हेंब्रम, युसूफ अंसारी, अख्तर अंसारी, शेखर महतो, अमित चंद्रवंशी, झरीलाल महतो, दिलीप तुरी, राजू राणा, कर्मवीर पंडा, दिनेश रजवार, दिनेश तुरी, मंगू किस्कू, रविलाल मरांडी आदि ने शोक व्यक्त किया है.
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