पारसनाथ पर्वत पर मांस-मदिरा की खरीद-बिक्री व सरकारी जमीन पर अतिक्रमण के मामले में डालसा ने सर्वे किया. हालांकि सर्वेक्षण के क्रम में मांस-मदिरा की खरीद-बिक्री से जुड़े तथ्य डालसा को नहीं मिले. बताया जाता है कि जैन समाज से जुड़ी संस्था की दायर अपील में पारसनाथ पर्वत पर मांस मदिरा की खरीद बिक्री तथा सरकारी जमीन पर अतिक्रमण का मामला उठाया गया है. एक जैन संस्था ने झारखंड उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है. दायर याचिका पर गंभीरता से विचार करते हुए न्यायाधीश ने न केवल जैन आनुयायियाें की आस्था का ध्यान रखने की बात की है, बल्कि क्षेत्र के सर्वेक्षण का भी निर्देश दिया है.
विभिन्न मंदिरों व चौक-चौराहों का किया निरीक्षण
गुरुवार को डालसा की टीम ने पहाड़ के रास्ते कटहल बारी, कठपुलवा, डाक बंगला समेत पहाड़ के विभिन्न मंदिरों व चौक चौराहों का निरीक्षण किया. निरीक्षण के क्रम में राजस्व विभाग से जुड़े अधिकारी व कर्मचारियों से विचार विमर्श भी किया. बताया गया कि जैन संस्था की दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने 2 मई 2025 को जैन धर्म के अनुयायियों की आस्था का सम्मान करते हुए मांस मदिरा की खरीद बिक्री पर रोक तथा डालसा को पहाड़ का निरीक्षण कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था.
मामले से जुड़ी सर्वे रिपोर्ट न्यायालय को सौपी जायेगी : सचिव
डालसा के सचिव सफदर अली ने बताया कि उच्च न्यायालय के निर्देश पर सर्वेक्षण किया गया है. कहा कि सर्वेक्षण में मांस मदिरा की खरीद बिक्री से जुड़े तथ्य नहीं पाए गए हैं. साथ ही विशेष अतिक्रमण भी प्रतीत नहीं होता है. मामले से जुड़ी सर्वे रिपोर्ट न्यायालय को सौपी जायेगी. मौके पर अनुमंडल पदाधिकारी जीतराय मुर्मू, एसडीपीओ सुमीत प्रसाद, सीओ गिरिजानंद किस्कू, बीडीओ मनोज मरांडी, थाना प्रभारी संजय यादव, दीपेश कुमार समेत विभागीय कर्मचारी उपस्थित थे.
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