Giridih News: जमुआ प्रखंड के करिहारी पंचायत सचिवालय में मनरेगा योजना के तहत 2023-24 तथा 2024-25 का सामाजिक अंकेक्षण सह पंचायत स्तरीय जनसुनवाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें कुल 22 योजनाओं की कार्ययोजना से संबंधित ग्राम सभा में पांच ज्यूरी मेंबर मौजूद थे. वहां रोजगार सेवक मोईन अंसारी तथा राजेश कुमार द्वारा विभिन्न योजनाओं में राशि का गबन कर पैसे का निकासी का मामला प्रकाश में आया. यह राशि मनरेगा, कूप योजना, दीदी बाड़ी योजना, बागवानी योजना, रोड निर्माण योजना, पैरा खेल मैदान योजना, अबुआ आवास योजना का अभिलेख अंकेक्षण के दौरान नहीं दिखाये जाने जैसे कई मामले सामने आये हैं. ज्यूरी मेंबर द्वारा रोजगार सेवक से सफाई मांगे जाने पर उनके साथ अभद्र व्यवहार करते हुए सभा से चले जाने का भी मामला प्रकाश में आया. पंचायत के सुरही ग्राम का आवास एक लाभुक कैकई देवी, पति अजय कुमार राय ने ज्यूरी मेंबर सहित सभा में आये लोगों की उपस्थिति में रोजगार सेवक मोईन अंसारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि मोईन अंसारी ने आवास दिलाने के नाम पर हजारों रुपये की अवैध वसूली करने के बाद भी योजना का लाभ नहीं मिल सका. प्रखंड से पदेन ज्यूरी सदस्य सह राजस्व कर्मचारी अमरजीत साहू तथा बीआरपी दिवस कुमार ने कहा कि कुल 22 योजनाओं में से कुछ को छोड़कर लगभग सभी योजनाओं में लाभुकों ने रोजगार सेवक पर गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है. इसमें धरातल पर बिना कार्य किये राशि की निकासी करने, लाभुक को भुगतान कराने के लिए वसूली करने, मजदूरों को मजदूरी का भुगतान ना करने, दूसरे के खाते से राशि की निकासी करा लेने, योजना दिलाने के नाम पर राशि लेने का मामला शामिल है. ज्यूरी सदस्य अमरजीत साहू ने कहा कि प्रखंड कार्यालय तथा जिला कार्यालय को रिपोर्ट सौंपी जायेगी. मौके पर मुखिया संजय यादव, दशरथ रविदास, सतीश यादव, सुनीता देवी, लोचनी देवी, बीआरपी दिवस कुमार, सुदामा प्रसाद साव, संदीप कुमार वर्मा,, पंचायत सचिव राजदीप राय, रोजगार सेवक मोइन अंसारी, अशोक राय, प्रमोद राणा, अप्पू पांडेय, राजेश कुमार, विनय यादव आदि मौजूद थे. साजिश कर लाभुकों को किया गया गुमराह : इधर. रोजगार सेवक मोईन अंसारी ने कहा कि आरोप लगाना लाभुकों का काम है. हम लोग रोज सुनते हैं. एक साजिश के तहत लाभुकों को गुमराह करने के लिए कुछ महिलाओं को भड़काया गया है. सामाजिक अंकेक्षण एवं ज्यूरी सदस्यों का जांच प्रतिवेदन आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. मनरेगा योजना की मजदूरी मजदूर के खाते में भेजी जाती है, जबकि मैटेरियल की राशि भेंडर की खाते में दी जाती है .अब देखना है कि कैसे रोजगार सेवक ने राशि का गबन किया है. -अमलजी, बीडीओ जमुआ प्रखंड
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