पश्चिमी अफ्रीका के नाइजर में फंसे बगोदर के पांच प्रवासी मजदूरों की वापसी अभी तक नहीं हो पाई है. मजदूर पिछले 75 दिनों से नाइजर में आतंकियों के कब्जे में हैं. उनकी क्या स्थिति है यह जानकारी अब तक परिजनों को नहीं मिली है. परिजनों को यह बताया जा रहा है कि सभी सुरक्षित हैं. उन्हें समय पर खाना मिल रहा है. साथ ही कंपनी जल्द लौटने काआश्वासन दे रही है. थकहार कर मजदूर के परिजनों ने बगोदर थाना में कल्पतरु कंपनी के खिलाफ आवेदन दिया है. कहा है कि मुंडरो के उत्तम महतो, दोंदलो के संजय महतो व चंद्रिका महतो, राजू कुमार और फलजीत महतो नाइजर में ट्रांसमिशन लाइन में काम करते हैं. कल्पतरु इंटरनेशनल प्रोजेक्ट लिमिटेड उन्हें अपने साथ ले गयी थी. कंपनी का मुख्यालय मुंबई और नोयडा में है. 25 अप्रैल को उक्त सभी श्रमिकों का अपहरण कर लिया गया है.
दो माह से नहीं मिल रही कोई
सूचना
दो माह हो गया है, लेकिन कंपनी से कोई सूचना नहीं मिल रही है. कंपनी का कोई वरीय अधिकारी भी मिलने नहीं आया है. हम परिवार वालों की मानसिक तनाव में है. आर्थिक स्थिति दयनीय हो रही है. उनकी सकुशल वापसी हेतु कोई गंभीर प्रयास नहीं हो रहा है. बताया गया है कि अमित, मनीष महनोत, संजय डालमिया, शैलेंद्र त्रिपाठी, कल्पतरु कंपनी के निदेशक हैं, जबकि जगन मोहन नाइजर में कंपनी के प्रभारी हैं. आवेदन में कल्पतरु कंपनी पर मुकदमा दर्ज कर उनकी सकुशल वापसी कराने का दबाव बनाने की बात कही है. कहा कि कल्पतरु ने जानबूझकर प्रवासी श्रमिकों की जिंदगी को जोखिम में डाला है. आवेदन में जुगली देवी पति उत्तम महतो, बुधनी देवी पति चंद्रिका महतो, सोनी देवी पति संजय महतो, लक्ष्मी कुमारी पति राजू कुमार, रूपा देवी पति फलजीत महतो का हस्ताक्षर है. आवेदन लेकर पहुंचीं महिलाओं के साथ बगोदर के पूर्व विधायक विनोद कुमार सिंह भी मौजूद थे.
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