न्यायालय कर्मियों से इस संबंध में पूछे जाने पर कुछ भी बताने से उनलोगों ने इंकार कर दिया. कहा कि न्यायालय से अबुल अंसारी वगैरह के पक्ष में फैसला मिला है. उसी के आदेशानुसार रविवार को दखल दिहानी को लेकर वे पहुंचे हुए थे, लेकिन दूसरे पक्ष के लोग काफी उत्तेजित होकर विवाद करने लगे. बढ़ते विवाद को देखते हुए हमलोग वापस लौट रहे हैं. जो भी घटना घटी है उसकी रिपोर्ट माननीय न्यायालय को देंगे.
1999 से चल रहा है जमीन विवाद
एक पक्ष से अबुल अंसारी व अन्य ने बताया कि उनके गोतिया इदरीश मियां के साथ वर्ष 1999 से जमीन विवाद है. मामला गिरिडीह न्यायालय में चला. उसके बाद अबुल के पक्ष को डिग्री मिली है. प्राप्त डिग्री के अनुसार मुंसिफ न्यायालय के नाजिर अजीत व तीन अन्य लोग जमीन पर दखल दिहानी कराने आये थे. इसमे इदरीश मियां और उनके परिजन ने विवाद कर न्यायालय के कर्मियों को भागने को मजबूर कर दिया.
मापी करने चार लोग आये थे, लेकिन आदेश की कॉपी नहीं दिखा रहे थे : इदरीश
वहीं दूसरे पक्ष के 70 वर्षीय इदरीश मियां ने बताया कि 1999 में विवाद बढ़ा और मामला एलआरडीसी के यहां चला. एलआरडीसी ने जमीन का बंटवारा कर दिया. तब से हमलोग सरकारी रसीद कटाकर जमीन पर काबिज हैं. कहा कि चार लोग आये हुए थे और जमीन की मापी करना चाह रहे थे. जब हमलोगों ने जमीन संबंधित आदेश की कापी देखने की मांग की, तो उक्त लोगों ने किसी तरह का पेपर नहीं दिखाया. इसके बाद हमलोगों ने जमीन की मापी करने नहीं दी. कहा कि अगर अबुल अंसारी को दखल दिहानी दिलाने न्यायालय से लोग आए थे, तो उसके आदेश की कापी मुझे भी मिलनी चाहिए थी. या जानकारी मिलनी थी. कहा कि हमने रांची हाइकोर्ट में याचिका दाखिल की है. जो अभी प्रक्रिया में है.
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