तीन दिनों तक लगातार पूजा पाठ व धार्मिक विधियां पूरी की जायेगी. बताया जाता है कि जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों की निर्वाण भूमि सिद्धक्षेत्र सम्मेद शिखर जी में साधु संतों के सानिध्य में भव्य जैनेश्वरी दीक्षा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. रविवार को आर्यिका रत्न स्वस्तिमती माता जी व शुभमती माता जी समेत साधनारत साधु साध्वी के मंगल सानिध्य में गणधर वलय विधान शुरू किया गया. रविवार को मध्यलोक शोध संस्थान सभागार में गगनभेदी मंत्रोचारण के साथ धार्मिक विधियां शुरू की गयीं. पंडित अजित कुमार शास्त्री के संगीतमय मंत्रोचारण के साथ धार्मिक विधियां पूरी की गयीं.
अभिषेक पूजन किया गया
इस दौरान अभिषेक पूजन भक्ति भावना व कई धार्मिक कार्यक्रम किया गया. कार्यक्रम के तहत सोमवार को घटयात्रा निकाली जायेगी. इस दौरान चारित्र शुद्धि व्रत विधान अवतरण दिवस महोत्सव व कई धार्मिक विधियां पूरी की जायेगी. अवतरण दिवस के मौके पर गुणानुवाद सभा, गुरु मां पूजन पद प्रक्षालन एवं आशीर्वाद सभा का आयोजन किया जायेगा. देर संध्या दीक्षार्थी का बिनोली यात्रा निकाली जायेगी.
महाआरती का किया गया आयोजन
कार्यक्रम के तहत भजन संध्या, पूजा अर्चना व महाआरती का आयोजन किया गया. कार्यक्रम को लेकर मध्यलोक परिसर को आकर्षक रूप से सजाया संवारा गया है. धार्मिक विधान में भारी संख्या में श्रद्धालुओं का जुटान हुआ है. श्रद्धालु धार्मिक कार्यक्रमों में लीन होकर भक्ति भावना को आत्मसात करने में जुटे हैं.
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