मुख्य अतिथि झामुमो जिलाध्यक्ष ने विद्यालय में बोक्सा ट्रस्ट की ओर से प्रदान किए गए आरओ संयंत्र (पानी फिल्टर) का फीता काटकर उद्घाटन किया. साथ में विद्यालय के अध्यक्ष शोभा सरावगी, सचिव तुलो राणा, प्रधानाध्यापक भास्कर मिश्रा, बोक्सा ट्रस्ट के संस्थापक अरविंद चोपड़ा, उपाध्यक्ष तेज बहादुर सिंह, ट्रस्टी आलोक कुमार जैन, महेश शर्मा सहित अन्य लोग मौजूद थे. श्री सिंह ने कहा कि इस शिविर में सेवा, संवेदना और संकल्प का संगम देखने को मिला. बोक्सा ट्रस्ट के साथ देश के प्रतिष्ठित नेत्र संस्थान शंकर नेत्रालय की विशेषज्ञ टीम ने निःस्वार्थ सेवा प्रदान की, जो काबिले तारीफ है. हमारे इस क्षेत्र में शंकर नेत्रालय का अस्पताल खोले जाने की जरूरत है. नगर विकास मंत्री से इस पर पहल करने का आग्रह करेंगे.
बोक्सा ट्रस्ट के संस्थापक अरविंद चोपड़ा ने बताया कि इस पहल की प्रेरणा उन्हें शंकर नेत्रालय के ट्रस्टी और बोक्सान 1977 बैच के मेहरचंद लंका से मिली थी, जिन्होंने इस ऐतिहासिक सहयोग के सूत्रधार की भूमिका निभाई. शिविर का संपूर्ण प्रायोजन स्वर्णिम कांत एवं कार्तिक रामकृष्णन ने किया.श्री चोपड़ा ने बताया शिविर का शुभारंभ 30 अप्रैल को हुआ था. उद्घाटन झारखंड के नगर विकास, युवा एवं खेल, पर्यटन एवं उच्च शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार किया था.
शिविर में 592 लोगों की आंखों की जांच की गयी
शिविर में 592 लोगों की आंखों की जांच हुई. ऑपरेशन के लिए 113 का चयन हुआ और 74 लोगों को बेहतर इलाज के लिए शंकर नेत्रालय चेन्नई रेफर किया गया. इस शिविर में 74 लोगों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन हुआ. इस पूरी योजना के पीछे गांडेय विधायक कल्पना सोरेन की प्रेरणा रही, जिन्होंने बोक्सा ट्रस्ट को इस दिशा में आमंत्रित किया. साथ ही झारखंड सरकार के मंत्री सुदिव्य कुमार ने गिरिडीह या गांडेय क्षेत्र में अस्पताल हेतु भूमि उपलब्ध कराने की घोषणा की है.शिविर के संचालन में इनका रहा प्रमुख योगदान
बोक्सा ट्रस्ट के अध्यक्ष महेश कुमार गुप्ता के नेतृत्व में संचालित इस शिविर के सफल संचालन में कार्यक्रम के प्रमुख संयोजक अरविंद चोपड़ा, उपाध्यक्ष तेज बहादुर सिंह, तुषार सिंह, कोषाध्यक्ष अमरदीप, सदस्य अपूर्व, अनमोल, महेश शर्मा, शंकर नेत्रालय के डॉ. उज्ज्वल सिन्हा, डॉ सुजय सरकार, डॉ अमित बीदासरिया, डॉ सुर्वी शर्मा, जमुना अल्दा, मुक्ता सांडी, सुकांता हलदर, राहुल कुंडू, मो. फैज, सुहेब, अभिषेक बरला, राधेश्याम, चितरंजन बेहेरा, जन्मेजय, राजू रजक, चितरंजन जाना, सैकत दास, तपन दास, निशांत, विजय सिन्हा का सराहनीय योगदान रहा.
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