कार्यक्रम का शुभारंभ समिति उपाध्यक्ष सतीश्वर प्रसाद सिन्हा, प्रधानाचार्य आनंद कमल तथा अभिभावक श्याम नारायण पांडेय द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन व पुष्प अर्पण कर किया गया. इस अवसर पर विद्यालय में उपस्थित सभी दादा-दादी एवं नाना-नानी को अंग वस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया.
गीत संगीत प्रस्तुत कर बच्चों ने मोहा मन
बच्चों द्वारा भावनात्मक गीत एवं नृत्य प्रस्तुत कर समूचे वातावरण को उल्लासमय बना दिया गया. भैया-बहनों ने अपने दादा-दादी एवं नाना-नानी के चरण धोकर तिलक कर उनका वंदन किया, मिठाई खिलाई और आशीर्वाद प्राप्त किया. यह दृश्य सभी उपस्थितों के लिए अत्यंत भावुक करने वाला रहा. मंच संचालन अरविंद त्रिवेदी द्वारा किया गया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन पृथा सिन्हा ने प्रस्तुत किया.दादा-दादी एवं नाना-नानी हमारे जीवन के आधार स्तंभ हैं : प्रधानाचार्य आनंद कमल
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानाचार्य आनंद कमल ने कहा कि दादा-दादी एवं नाना-नानी हमारे जीवन के आधार स्तंभ हैं. उनके अनुभव, प्रेम और मार्गदर्शन से जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है. समिति उपाध्यक्ष सतीश्वर प्रसाद सिन्हा ने अपने वक्तव्य में कहा कि ऐसे आयोजनों से बच्चों में भारतीय संस्कृति, संस्कार और बड़ों के प्रति सम्मान की भावना का विकास होता है.अभिभावकों ने की पहल की सराहना
वहीं अभिभावक सत्यनारायण पांडेय ने विद्यालय की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि आज के आधुनिक दौर में जब बच्चे संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं, ऐसे आयोजनों के माध्यम से उनमें भारतीय मूल्यों का संचार किया जा रहा है. कार्यक्रम को सफल बनाने में राजेंद्र लाल बरनवाल, मनीषा पांडेय, रूपम, अन्नु कुमारी, कल्पना कुमारी, नम्रता गुप्ता, निलेश कुमार एवं समस्त आचार्य-दीदी की भूमिका उल्लेखनीय रही.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है