कर्मियों ने उपायुक्त को बताया कि पिछले कई महीनों से उन्हें वेतन नहीं मिला है, जिससे उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. ज्ञापन सौंपने पहुंचे कर्मियों ने बताया कि वे बालाजी डिटेक्टिव फोर्स एवं शिवा प्रोटेक्शन फोर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के तहत जिले के विभिन्न ब्लॉकों और सदर अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. सभी ब्लॉकों के स्वास्थ्यकर्मियों का वेतन तीन माह से लंबित है, जबकि गिरिडीह सदर अस्पताल में कार्यरत कर्मियों का वेतन पिछले दो माह से नहीं मिला है.
छह-सात महीनों से नहीं हुआ है वेतन का भुगतान
कुछ कर्मियों ने यह भी बताया कि उनके वेतन का भुगतान पिछले छह से सात महीनों से नहीं हुआ है. कर्मियों ने यह भी आरोप लगाया कि पूर्व में कई बार इस विषय में संबंधित पदाधिकारियों को आवेदन देने के बावजूद उनकी समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं हो सका है. हर बार वेतन 2 से 3 महीने की देरी से दिया जाता है, जिससे उन्हें अपने परिवार का भरण-पोषण करने में काफी दिक्कत होती है. इसके अलावा ईपीएफ और ईएसआई से जुड़ी कई गड़बड़ियों की भी शिकायत की गई. कर्मियों ने बताया कि उनके वेतन से तो नियमित कटौती की जाती है, लेकिन उसका पैसा न तो पीएफ खाते में नियमित रूप से जमा होता है और न ही ईएसआई की सुविधा मिलती है.समय पर वेतन भुगतान करने की मांग
उन्होंने उपायुक्त से आग्रह किया कि चूंकि राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग के लिए आवश्यक बजट पहले ही आवंटित किया जा चुका है, इसलिए आउटसोर्सिंग कर्मियों का वेतन समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जाए. साथ ही ईपीएफ और ईएसआई में पारदर्शिता लाकर भविष्य की अनिश्चितता को समाप्त किया जाए. उपायुक्त रामनिवास यादव ने कर्मियों की समस्याओं को गंभीरता से सुनते हुए संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश देने का भरोसा दिलाया. उन्होंने कहा कि मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जायेगी.
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