इस बार जेठुआ फसल की भारी उपज से किसान उत्साहित थे. वे अपने खेतों से हर दिन कई क्विंटल भिंडी की फसल निकाल रहे थे. वे गुरुवार को नजदीकी सब्जी मंडी मिर्जागंज मेंइसकी बिक्री करने गये. उसी वक्त बिहार के चकाई बाजार से आये थोक विक्रेता भिंडी पांच सौ रुपये कि्वंटल लेने की बात कहने लगे. बाध्य होकर किसान औने पौन दाम पर भिंडी व करैला की सब्जी देने को मजबूर हो गये.
बारिश के बाद औने-पैने दाम में बेचनी पड़ रही सब्जी
किसान संदीप वर्मा, रवि वर्मा, अविनाश वर्मा, लक्ष्मण महतो, प्रदीप वर्मा, बालमुकुंद वर्मा, महेंद्र वर्मा, राजू महतो आदि ने बताया कि पिछले दो दिनों से बारिश के कारण उनकी फसल मंडी में बिक नहीं रही है. इससे वे निराश हैं. किसान कड़ी मेहनत के बाद अपनी फसल उगाते हैं और जब उस फसल को मंडी तक ले जाते हैं तो वह नहीं बिकती है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है